नई दिल्ली। दिग्गज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कंपनी का नाम बदलकर मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक करने की घोषणा की है। इसके पीछे उनका तर्क है कि फेसबुक नाम में वह सब कुछ शामिल नहीं है जो कंपनी अब करती है। लेकिन हाल में एक के बाद एक कई खुलासों के कारण फेसबुक की पूरी दुनिया में फजीहत हुई है।
फ्रांसेस हौगेन ने किए खुलासे
समझा जा रहा है कि इससे पीछा छुड़ाने के लिए फेसबुक अपना नाम बदलने जा रही है। फेसबुक की एक पूर्व कर्मचारी फ्रांसेस हौगेन ने कंपनी के बारे में कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। उनके द्वारा लीक किए गए कंपनी के इंटरनल डॉक्युमेंट्स के आधार पर कई रिपोर्ट्स मीडिया में आई हैं। इन्हें फेसबुक पेपर्स नाम गया है। इससे दुनियाभर में फेसबुक की बहुत फजीहत हुई है। 37 साल की हौगेन ने अमेरिकी संसद की कमेटी में हुई पेशी में भी कई खुलासे किए। इन खुलासों के बाद फेसबुक की मुश्किलें बढ़ गई। हौगेन ने करीब दो साल तक फेसबुक की सिविक इंटेग्रिटी टीम में प्रोडक्ट मैनेजर के रूप में काम किया है। होगैन ने कहा कि फेसबुक से बच्चे बिगड़ रहे हैं, समाज में विभाजन हो रहा है और लोकतंत्र कमजोर हो रहा है।
भारत सरकार ने भी मांगा जवाब
भारत सरकार ने भी गुरुवार को फेसबुक से फेक न्यूज, हिंसा, भड़काऊ और वैमनस्य फैलाने वाली सामग्री को लेकर जवाब मांगा है। केंद्र ने फेसबुक से कहा है कि कंपनी उसे अपनी अल्गोरिदम और अन्य व्यवस्थाओं की पूरी जानकारी दे। साथ ही इन्हें रोकने के लिए फेसबुक क्या कर रहा है, उन कदमों के बारे में भी बताया जाए। केंद्र सरकार की तरफ से यह सवाल अचनाक ही नहीं उठे हैं। दरअसल, बीते कुछ दिनों में फेसबुक पर भारत को लेकर भेदभाव के कई आरोप सामने आए हैं।