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शव वाहन के लिए गिड़गिड़ाने के बाद भी परिजन को बाइक पर ही ले जाना पड़ा शव

उमरिया में अस्पताल के बाहर परिजन शव वाहन के लिए गिडगिडाते रहे लेकिन किसी ने न सुनी। बाद में परिजन शव को रस्सी से बांधकर बाइक से लेकर घर तक पहुंचे।

उमरिया में अस्पताल के बाहर परिजन शव वाहन के लिए गिडगिडाते रहे लेकिन किसी ने ना सुनी। बाद में परिजन शव को रस्सी से बांधकर बाइक से लेकर घर तक पहुंचे।

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले इतने बढ़ गये है कि जो लोग इस संक्रमण की चपेट में आरहे है साथ ही जिनकी इस संक्रमण से मौत हो रही है उन्हें ना श्मशान घाट में जगह मिल रही है और ना ही शव को ले जाने के लिए शव वाहन मिल रहे है। ऐसा ही मानवता को शर्मसार करने वाला मामला उमरिया में देखने को मिला है ।

मध्य प्रदेश में कोरोना ने स्वास्थ्य सुविधाओं को इस कदर बिगाड़ दिया है कि मरीजों के लिए ना अस्पताल में बेड मिल रहे हैं और ना ही शवों को ले जाने के लिए शव वाहन । कुछ ऐसा ही वीडियो उमरिया से वायरल हो रहा है जिसमें अस्पताल में इलाज के अभाव में युवक की मौत के बाद वाहन ना मिलने पर बाइक से शव ले जाना पड़ा। जानकारी के अनुसार मानपुर मुख्यालय के पतौर निवासी सहजन कोल को अचानक पेट मे दर्द शुरू हुआ था जिसे इलाज के लिए मानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। जहां डॉक्टर ना मिलने की वजह से अस्पताल परिसर में ही तड़प तड़प कर आदिवासी युवक की मौत हो गई। परिजन शव वाहन के लिए गिडगिडाते रहे लेकिन किसी ने न सुनी। बाद में परिजन शव को रस्सी से बांधकर बाइक से लेकर घर तक पहुंचे।

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