भोपाल। लोकसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले देश के अलग अलग हिस्सों में पड़े आयकर छापों के मामले में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए चुनाव आयोग ने मप्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह शक के घेरे में आए सभी लोगों पर एफआईआर दर्ज करे। सीबीडीटी की रिपोर्ट में तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के कई मंत्रियों समेत आईएएस और आईपीएस अफसरों के नाम शामिल हैं। चुनाव आयोग के निर्देशों के बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुआ कहा है की चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 13 महीने की कांग्रेस सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे।
52 ठिकानों पर आयकर विभाग ने मारा था छापा
अप्रैल 2019 में भोपाल, मप्र और दिल्ली के 52 ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापा मारा था।जिसमे 93 करोड़ के अवैध ट्रांजेक्शन और चार करोड़ रुपए की बरामदगी हुई थी। जिसकी रिपोर्ट सीबीडीटी ने दी थी। रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए चुनाव आयोग ने मप्र सरकार को कई मंत्रियों समेत आईएएस और आईपीएस अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निदेश दिया है। पुरे मामले पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कांग्रेस पर हमला बोला है उन्होंने कहा कि 13 महीने की कांग्रेस सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़े, जिस सरकार को सुशासन देने का काम करना था उन्होंने चपरासी से लेकर मंत्रालय तक में भ्रष्टाचार किया, जनता के पैसों पर डाका डाल कर नेहरू परिवार के ऐशो आराम पर खर्च किया जाता रहा।
कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी का पलटवार
वहीं कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने इस मामले में इनकम टैक्स, सीबीआई और आईबी को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा है कि इनकम टैक्स ओर सीबीआई केंद्र सरकार के दबाव में काम कर रही है। प्रधानमंत्री लोकतांत्रिक मूल्यों का कत्ल करके सत्ता में बने रहने का काम कर रहे हैं। प्रदेश के बड़े घोटाले, ई-टेंडरिंग घोटाले को खोलने का काम इन तीन अधिकारियों ने किया था। जिन पर सरकार कार्रवाई करना चाहती है।