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हल्दी का करें इस तरह प्रयोग, मिलेगी समृद्धि, मिटेंगे कष्ट

Dharma: हल्दी भारतीय रसोई के प्रमुख मसालों में से एक है। हल्दी का धार्मिक और आयुर्वेदिक महत्व बहुत ज्यादा है। धार्मिक कर्मकांड में पौराणिक काल से हल्दी का उपयोग होता आया है। हल्दी के प्रयोग से ग्रह दोष के निवारण के साथ कई समस्याओं से झुटकारा पाया जा सकता है।

  • मुख्यत: हल्दी तीन रंगों की होती है। पीले, नारंगी और काले रंग की हल्दी का उपयोग किया जाता है। पीली हल्दी बृहस्पति ग्रह से, नारंगी मंगल से और काली हल्दी शनि ग्रह से संबंध रखती है।
  • ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति ग्रह को मजबूत करने और इसके दोषों के निवारण के लिए के लिए पीली हल्दी का प्रयोग किया जाता है।
  • सूर्य को हल्दी मिलाकर जल अर्पित करने से विवाह की बाधाओं का निवारण होता है।
  • भगवान विष्णु और लक्ष्मी की प्रतिमा के पीछे हल्दी की पुड़िया छुपा कर रखने से शादी जल्दी होने के योग बनते हैं
  • मस्तक पर हल्दी का तिलक लगाने से वाणी की शक्ति मिलती है और सात्विकता बढ़ जाती है।
  • गाँठ वाली पीली हल्दी को पीले धागे में बांधकर गले या बाजू में धारण करने से यह पीले पुखराज की तरह काम करती है।
  • नौकरी-व्यापार में लाभ के लिए हल्दी में पांनी और चन्दन मिलाकर पेस्ट बनाए। अब उस पेस्ट को चांदी या जस्ते के पात्र में भरकर पूजा के स्थान पर रख दें। प्रतिदिन काम की शुरुआत से पहले उस पेस्ट का तिलक माथे पर या कंठ पर लगाएं।
  • गुरुवार के दिन पूरे घर में हल्दी के पानी का छिड़काव करने से लोगों पर मां लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है और घर से नकारात्मकता दूर होती है।
  • कमाई के बावजूद यदि खर्च ज्यादा हो रहा है तो काली हल्दी, नागकेश्वर और सिंदूर को चांदी के डिब्बे में साथ में रखें। मान्यता है कि ऐसा करने से खर्चे कम हो जाते हैं।
  • हवन के दौरान हल्दी का इस्तेमाल करने से भी जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है।
  • किसी भी मंत्र के जाप के समय हाथ में हल्दी की माला लेने से भी लाभ प्राप्त हो सकता है।
  • नहाने के पानी में चुटकी भर हल्दी डालकर नहाने से शारीरिक और मानसिक शुद्धता मिलती है।करियर में सफलता में यह प्रयोग बहुत कारगर है।
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