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Diwali 2021: इस शास्त्रोक्त विधि से करें देवी महालक्ष्मी का पूजन, जानिए दीपावली के सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त

Diwali 2021: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को सनातन संस्कृति का सबसे बड़ा पर्व दीपावली मनाया जाता है। इस दिन हर व्यक्ति अपने घर को दिपों से रोशन करता है, जिससे पूरा शहर रोशनी से सराबोर हो जाता है। इस वर्ष दीपावली का त्यौहार 4 नवंबर गुरुवार को मनाया जाएगा। आइए जानते हैं इसके शुभ मुहुर्त और पूजा विधि।

इस साल दीपावली के अवसर पर देवी महालक्ष्मी के पूजन का सर्वश्रेष्ठ समय शाम 06 बजकर 09 मिनट से रात 08 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। इस तरह पूजा अवधि 1 घंटे 55 मिनट की होगी।

प्रदोष काल – शाम 17:34:09 से रात 20:10:27 तक

वृषभ काल- शाम 18:10:29 से रात 20:06:20 तक

दीपावली पर निशिता काल मुहूर्त

निशिता काल- रात 23:39 से 5 नवंबर रात 00:31 तक

सिंह लग्न- 5 नवंबर रात 00:39 से तड़के 02:56 तक

दिवाली शुभ चौघड़िया मुहूर्त

सुबह का मुहूर्त: 06:34:53 से 07:57:17 तक

सुबह का मुहूर्त: 10:42:06 से दोपहर 14:49:20 तक

सायंकालमुहूर्त: शाम 16:11:45 से रात 20:49:31 तक

रात्रि मुहूर्त: रात 24:04:53 से रात 01:42:34 तक

पंचांग के अनुसार, इस वर्ष दिपावली पर सूर्य, मंगल, बुध और चंद्र एक ही राशि पर विराजित रहेंगे। तुला राशि में इन चारों ग्रहों के रहने से शुभ परिणाम प्राप्त होंगे।

लक्ष्मी पूजन की विधि

  • घर को स्वच्छ कर घर के हर कोने को गंगाजल से पवित्र करें।
  • लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर उसके मध्य अक्षत या अन्य मुट्ठीभर अनाज रखें।
  • चांदी या कांसे के कलश को अनाज के बीच में स्थापित करें।
  • कलश में पवित्र जल भरकर सुपारी, गेंदे का फू ल, सिक्का और कु छ चावल के दाने डालें। कलश पर 5 आम के पत्ते गोलाकार आकार में रखें।
  • कलश के कें द्र में देवी लक्ष्मी की प्रतिमाऔर कलश के दाहिनी ओर (दक्षिण-पश्चिम दिशा) में भगवान गणेश की मूर्ति रखें।
  • एक थाली में चावल के दानों का एक छोटा सा ढेर बनाएं, हल्दी से कमल का फू ल बनाएं, कु छ सिक्के डालें और मूर्ति के समक्ष रखें।
  • अब देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश को तिलक करें और दीपक प्रज्जवलित करें। कलश पर भी तिलक लगाएं ।
  • भगवान गणेश और लक्ष्मी को फू ल समर्पित करे।
  • नारियल, सुपारी, पान का पत्ता माता को अर्पित करें।
  • देवी की प्रतिमा के समक्ष कु छ फूल और सिक्के रखें।
  • पूजन का समापन लक्ष्मी जी की आरती से करें।
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