Dharma: ज्योतिष शास्त्र को मानव जीवन का आईना कहा जाता है। इंसान की कुंडली से उसकी जिंदगी के सुख-दुख, समृद्धि और आरोग्य की जानकारी मिलती है। ज्योतिष में रत्नों का बड़ा महत्व है और इसके अनुसार रत्नों के सही प्रयोग से ग्रहों की स्थिति को सुधारकर जीवन को नई दिशा दी जा सकती है। हीरा एक ऐसा ही मूल्यवान और ग्रहदोष निवारक रत्न है।
शुक्र ग्रह का रत्न है हीरा
हीरे को बेशकीमती और कार्बन का सबसे शुद्ध एवं प्रकृति का सबसे कठोर तत्व माना जाता है। भारत की गोलकुण्डा खानें सदियों से उम्दा किस्म के मूल्यवान हीरों के लिए मशहूर रही है। नौरत्नों में हीरे का बहुत महत्व है। इसको शुक्र ग्रह का प्रतिनिधि रत्न माना गया है। इसलिए ज्योतिष शास्त्र में शुक्र की दशा मजबूत करने के लिए हीरे को धारण करने की सलाह दी गई है। शुक्र को प्रेम व समृद्धि का कारक माना जाता है। शुक्र की कृपा से जीवन में प्रेम मिलता है परिवार बसता है और जातक धन-दौलत का स्वामी बनता है।
सलाह से करें हीरा धारण
वृष, मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुंभ लग्न में जन्मे जातकों के हीरा धारण करना शुभ फलदायी होता है। वृषभ और तुला लग्न के जातको के लिए हीरा समृद्धिकारक माना गया है, लेकिन मेष, सिंह, वृश्चिक, धनु और मीन लग्न में हीरा पहनना शुभ फलदायी नहीं होता है। वृश्चिक लग्न के जातकों को हीरा धारण करने पर काफी विपरीत प्रभाव मिलते हैं। इसी तरह हीरे के साथ दूसरे रत्नों को धारण भी किसी ज्योतिष की सलाह से करना चाहिए। हीरे के साथ मोती, माणिक्य, मूंगा तथा पीला पुखराज धारण नहीं करना चाहिए।