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Dhanteras 2021: आरोग्य के देव धन्वंतरि को समर्पित है धनतेरस, जानिए पूजा विधान और शुभ मुहूर्त

Dhanteras 2021: हर वर्ष कार्तिक मास के कृ ष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर धनतेरस मनाई जाती है।मान्यता है कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी पर धनवंतरी देव का अवतरण पृथ्वी पर सागर मंथन से हुआ था। अवतरण के समय धनवंतरी देव के हाथों में अमृत से भरा कलश था। इस साल यह 2 नवंबर मंगलवार को धनतेरस मनाई जाएगी। इस दिन समृद्धि और सौभाग्य के लिए देव धन्वंतरि, कु बेर देवता, देवी लक्ष्मी भगवान गणेश और यम की पूजा की जाती हैं।

धनतेरस पूजा विधान

  • धनतेरस के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य क्रिया से निवृत्त होकर धनतेरस पूजा की तैयारी प्रारंभ करें।
  • पूजा की तैयारी करने के बाद घर के ईशान कोण में धन्वंतरी भगवान की पूजा प्रारंभ करें।
  • पूजा करते समय अपने मुंह को ईशान कोण, पूर्व या उत्तर दिशा में रखें।
  • पंचदेव यानी भगवान सूर्य, श्रीगणेश, देवी दुर्गा, महादेव और श्रीहरी की प्रतिमा पूजा स्थल पर स्थापित करें।
  • धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि का षोडशोपचार पूजन करें।
  • धन्वंतरी देवता को धूप, दीप, हल्दी, कुमकुम , चंदन, चावल और फू ल चढाकर उनके चित्र का उच्चारण करते हुए जाप करें।
  • प्रदोष काल में घर के मुख्य द्वार या आंगन में दीप प्रज्जवलित करें। एक दीया यम देवता के नाम का भी जलाएं ।
  • धनतेरस के मदन घर में अपने इष्ट देवता की पूजा करते समय स्वास्तिक, कलश, निग्रह देवता, पंच लोकपाल, षोडश मातृका और सप्त मातृका का पूजन भी करें।

खरीदारी के लिए दिन का मुर्हूत

त्रिपुष्कर योग : सुबह 06:06 से 11:31 तक। इस योग में खरीदारी शुभ रहेगी.

धनतेरस मुर्हूत : 06 बजकर 18 मिनट और 22 से 08 बजकर 11 मिनट और 20 सेकं ड तक का मुर्हूत है, इस काल में पूजा भी होती है.

अभिजीत मुर्हूत: सुबह 11:42 से दोपहर 12:26 तक। यह मुर्हूत खरीदारी के लिए शुभ है.

विजय मुर्हूत: दोपहर 01:33 से 02:18 तक

संध्या और रात्रि के मुर्हूत

गोधूलि मुर्हूत : शाम 05:05 से 05:29 तक

प्रदोष काल : 5:35 मिनट और 38 सेकंड से 08 बजकर 11 मिनट और 20 सेकं ड तक रहेगा. इस काल में पूजा की जा सकती है.

धनतेरस मुर्हूत: शाम 06:18:22 से 08:11:20 तक। इस काल में पूजा और खरीदी दोनों हो सकती है.

वृषभ काल– शाम 06:18 से 08:14: तक

निशिता मुर्हूत- रात्रि 11:16 से 12:07 तक

दिन का चौघड़िया

लाभ- प्रात: 10:43 से 12:04 तक

अमृत- दोपहर 12:04 से01:26 तक

शुभ- दोपहर 02:47 से 04:09 तक

रात का चौघड़िया

लाभ- 07:09 से 08:48 तक.

शुभ- 10:26 से 12:05 तक.

अमृत- 12:05 से 01:43 तक

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