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रिसर्च में हुआ खुलासा, डेल्टा वेरिएंट है ज्यादा संक्रामक, वैक्सीन की क्षमता को कर रहा है कम

Corona Vaccine: कोरोना की दूसरी लहर ने भारत में काफी तबाही मचाई और इसकी वजह से लाखों लोगों को अपनी जान गंवाना पड़ी। कोरोना की इस विनाशकारी लहर ने विशेषज्ञों को सोंचने पर मजबूर कर दिया कि आखिर ऐसी क्या वजह थी कि भारत में अचानक लाखों लोग इसकी चपेट में आ गए। रिसर्च में पता चला कि कोरोनी की दूसरी लहर का वैरिएंट पहली लहर के वैरिएंट कही ज्यादा घातक और खतरनाक था।

पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने किया खुलासा

ब्रिटेन के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने शुक्रवार को बताया कि भारत में मिले Covid-19 का डेल्टा वेरिएंट अल्फा वेरिएंट से ज्यादा संक्रामक है। रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि डेल्टा वेरिएंट, अल्फा वेरिएंट से 60 फीसदी ज्यादा संक्रामक है और कुछ मामलों में यह वैक्सीन की क्षमता को भी कम कर देता है। पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई), हर नए वेरिएंट को साप्ताहिक तौर पर ट्रैक करती है। पीएचई के मुताबिक देश में डेल्टा वेरिएंट संक्रमण के केस में 70 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है, जिससे देश में केस 29,892 से बढ़कर 42,323 हो गए हैं।

ट्रांसमिशन का जोखिम है 60 फीसदी ज्यादा

रिसर्च में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि ब्रिटेन में कोरोना के 90 फीसद नए मामले डेल्टा वेरिएंट से संबंधित हैं। इसके मुताबिक घर में डेल्टा के ट्रांसमिशन का जोखिम अल्फा की तुलना में 60 फीसदी ज्यादा है। डेल्टा वेरिएंट से जुड़े मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। वैक्सीन को लेकर भी नई बात सामने आई है। वैक्सीन का पहली खुराक लेने के बाद डेल्टा वेरिएंट अल्फा वेरिएंट की तुलना में ज्यादा तेजी से वैक्सीन के प्रभाव को कम कर देता है। यूके में डेल्टा वेरिएंट के नए केसों की संख्या बढ़ी है इसलिए आने वाले हफ्तों में इस वेरिएंट पर करीब से नजर रखी जाएगी। इस बात की सिफारिश की गई है कि वैक्सीनेशन कार्यक्रम को तेजी से चलाया जाए ताकि इस वेरिएंट के प्रभाव को कम किया जा सके।

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