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इस एक्सप्रेस-वे से दिल्ली-मुंबई के बीच की दूरी 10 घंटे हो जाएगी कम

इंदौर। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का 244 किमी का हिस्सा मप्र से होकर गुजरेगा, जिस पर 10 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इससे दोनों महानगरों की दूरी करीब 10 घंटे तक घट जाएगी। इस पर 120 किमी की रफ्तार से वाहन दौड़ सकेंगे। ये प्रोजेक्ट मार्च 23 तक पूरा हो जाएगा। भारतमाला परियोजना में बन रहे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के 8-लेन का काम जारी है। 1352 किमी के एक्सप्रेस-वे का प्रोजेक्ट मार्च 2023 तक पूरा होगा। 52 पैकेज में अलग-अलग कंपनियां निर्माण करेंगी। इनमें से 39 में टेंडर हो गए हैं।

एक्सप्रेस-वे का 244 किलोमीटर हिस्सा है मप्र में

एक्सप्रेस-वे की कुल लागत एक लाख करोड़ रुपए है। 244 किलोमीटर हिस्सा मप्र में है और यहां 10 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। एक्सप्रेस-वे में मुख्य रूट पर बीच में कहीं कोई टोल बूथ नहीं रहेगा। 120 किमी की रफ्तार से वाहन दौड़ेंगे। दिल्ली से मुंबई का सफर 22 की बजाय 12 घंटे में तय होगा। मप्र में यह रामगंजमंडी सीमा से गरोठ, जावरा, रतलाम, थांदला व झाबुआ होकर निकलेगा।

एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) रतलाम प्रोजेक्ट डायरेक्टर रवींद्र गुप्ता बताते हैं कि एक्सप्रेस-वे मेन रोड पर जैसे ही वाहन एक्सप्रेस-वे पर आएगा, उसकी इंट्री पॉइंट पर नंबर नोट होंगे, जब वह सफर तय करके बाहर होगा, उस एग्जिट पॉइंट पर उसकी यात्रा की दूरी के हिसाब से फास्टैग सिस्टम से टोल टैक्स कटेगा। प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद टोल दर तय होगी।

जावरा क्षेत्र के दोनों पैकेज में डामरीकरण शुरू

जिले में 5 पैकेज है। जावरा क्षेत्र में 30.02 किलोमीटर क्षेत्र में जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड निर्माण कर रही है, कामलिया से सीतामऊ तक 25.03 क्षेत्रफल में जीएचवी कंपनी द्वारा एक्सप्रेस-वे बनाया जा रहा है। जावरा के आसपास तीन इंटरचेंज बनेंगे, जहां न केवल रतलाम जिले, बल्कि इंदौर-उज्जैन संभाग के वाहन एक्सप्रेस-वे पर चढ़कर दिल्ली-मुंबई का सफर कर सकेंगे। ये इंटरचेंज भूतेड़ा, कांडरवासा और एक उसके पास बनेगा।

नीमच के पास दो हेक्टेयर से ज्यादा जगह में एक्सप्रेस-वे यात्रियों के लिए सुविधा केंद्र स्थल बन रहा है। बिनोली, ठिकरिया के पास जीआर इन्फ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड ने पांच किलोमीटर से ज्यादा में डामरीकरण कर दिया है। भविष्य में मालवा से कनेक्टिविटी देने के लिए इंदौर, देवास, उज्जैन, आगर होकर गरोठ तक 173 किमी फोरलेन भी बनाया जाएगा। मध्यप्रदेश में 9 पैकेज, 244 किमी का हिस्सा बनेगा। यहां 157 किमी के 6 पैकेज में औसत 15 प्रतिशत काम हो गया। जबकि 87 किमी के तीन पैकेज में काम शुरू होने वाला है।

  • 08 लेन वाले एक्सप्रेस-वे का दिल्ली
  • मुंबई के बीच चल रहा निर्माण।
  • 1352 किमी लंबे एक्सप्रेस-वे का काम 2023 तक करना है पूरा।
  • 01 लाख करोड़ रुपए की लागत से तैयार हो रहा एक्सप्रेस-वे।
  • 244 किमी का हिस्सा मप्र के जिलों से होकर गुजरेगा।
  • 10 हजार करोड़ रुपए 244 किमी लंबे निर्माण पर खर्च होंगे।
  • 22 की बजाए 12 घंटे में दिल्ली-मुंबई का सफर होगा पूरा।
  • 120 किमी की रफ्तार से एक्सप्रेस-वे पर दौडेंÞगे वाहन।
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