दिल्ली उच्च न्यायालय ने इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए अनिवार्य बीमा के लिए निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति नवीन चावला की खंडपीठ ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय और दिल्ली सरकार से जवाब मांगते हुए मामले की अगली सुनवाई की तारीख 20 अक्तूबर तय की।
एडवोकेट आरके कपूर के जरिए दायर की गई जनहित याचिका में रजत कपूर ने प्रतिवादियों से मोटर वाहन अधिनियम की धारा 146 के तहत इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए बीमा कवर सुनिश्चित करने की मांग की। याचिका में कहा गया है, “भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की मांग धीरे-धीरे बढ़ रही है। पेट्रोल और डीजल वाहनों का हरित विकल्प होने के साथ-साथ इन्हें लंबी अवधि में चलाना सस्ता भी हो सकता है। चूंकि भारत में ईवी बाजार अभी भी विकसित हो रहा है, संभावित खरीदारों को इस बात को लेकर चिंता हो सकती है कि उन्हें उपयुक्त इलेक्ट्रिक वाहन बीमा कहां मिल सकता है।”
बीमा कवरेज के अलावा, इसने निर्माताओं द्वारा वाहन में विश्वसनीय और लंबे समय तक चलने वाली बैटरी सुनिश्चित करने की भी मांग की ताकि उच्च तापमान और आग की दुर्घटनाओं से बचा जा सके। याचिका में सुरक्षा दिशा-निर्देशों, जैसे कि वाहन की क्षमता कुछ भी हो हेलमेट पहनने, को सुनिश्चित करने की भी मांग की गई है। हाल के दिनों में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में आग लगने की एक के बाद एक कई घटनाएं समाने आ चुकी हैं। आग लगने की घटनाओं के बाद ओला इलेक्ट्रिक, ओकिनावा, प्योर ईवी जैसे कई इलेक्ट्रिक दोपहिया निर्माताओं ने अपने कई वाहनों को जांच के लिए वापस मंगाया है।