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करोड़ों के राशन घोटाले का पर्दाफाश, गरीबों के अनाज पर ऐसे डाला जा रहा था डाका

इंदौर। इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने करोड़ों रुपए का राशन घोटाले का पर्दाफाश किया है। गरीबों के अनाज की यह हेराफेरी नेताओं के संरक्षण में हो रही थी। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ रासुका की कार्रवाई करने की बात कही है।

51 हजार गरीब परिवारों का राशन हुआ गायब

राशन का यह हेरफेर 12 राशन दुकानों के जरिए किया जा रहा था।इस घोटाले के जरिए 51 हजार गरीब परिवारों के राशन पर डाका डाला गया। आरोप है कि ये राशन घोटाला रसूखदार नेताओ के संरक्षण में चल रहा था। राशन की दुकानों से यह खाद्यान्न कोरोना काल मे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत अप्रैल से नबम्बर तक वितरित किया जाना था।

कहीं कम, कहीं ज्यादा मिला राशन

कलेक्टर मनीष सिंह को पिछले कुछ समय से पीडीएस दुकानों से खाद्यान्न कम मिलने और वितरीत नहीं होने की खबर मिल रही थी। शिकायत मिलने पर कलेक्टर के निर्देशन में 12 जनवरी को जांच दलों ने एक दर्जन से अधिक दुकानों पर छापेमारी की थी। छापे में 18,5625 किलो गेंहू,69,855 किलो चावल,3,169 किलो नमक, 2,201 किलो चना दाल,1,021 किलो चना साबुत, सहित शक्कर, केरोसिन और तुअर दाल स्टॉक से ज्यादा मिली थी। कुछ दुकानों पर राशन की सामग्री कम पाई गई थी।

तीन आरोपियों पर लगेगी रासुका

जांच दल का कहना है कि जिन दुकानों पर स्टॉक से कम सामग्री मिली उन्होंने गरीबो के राशन को बाजार में बेचा और जहां अधिक मिला उन दुकानदारों ने राशन वितरित नही किया। ,कलेक्टर ने कहा इन आरोपियों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 5/7 आईपीसी, 420 और राशन में अमानत में खयानत की धारा 409 और 120 बी के तहत कार्रवाई की जाएगी। राशन घोटाले के तीन आरोपी भरत दवे, श्याम दवे और प्रमोद दहिगुडे के खिलाफ रासुका की कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही 31अन्य लोगों के खिलाफ भी शहर के विभिन्न थाना क्षेत्रों में प्रकरण दर्ज किए जाएंगे।

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