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Crime Story: खजाने की ख्वाहिश में गंवाई 6 लोगों ने जान, ऐसे दिया वारदात को अंजाम

Crime Story: भोपाल पुलिस ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जो खजाना दिलाने के नाम पर लोगों को बहला-फुसला कर जंगल में ले जाता और वहां पर उनको मौत के घाट उतार देता था। लोगों के लालच को ही इस शख्स ने अपने कमाने खाने का जरिया बना लिया था। अपने बदतर आर्थिक हालत को दुरुस्त करने के लिए उसने ऐसी तरकीब का सहारा लिया, कि उसकी करतूत के बारे में जिसने भी सुना उसकी रुह कांप उठी, पुलिस के सामने जब उसने अपने अपराधों के राज खोले तो उनके भी पैरों तले जमीन खिसक गई, क्योंकि जिस शख्स पर उन्होंने शिकंजा कसा था वो लगातार लोगों की मौत के राज खोलता जा रहा था। और यह सब कुछ उसने किया था चंद रुपयों के लालच में, लोगों को गड़े खजाने का सपना दिखाकर।

खजाने का लालच देकर की हत्याएं

खौफनाक कहानी का ये मंजर साल 2000 के बाद फिर से एक बार शुरू होता है 8 नवम्बर 2020 को। सूखी सेवनिया के गांव अब्दुल्ला बरखेड़ी के जंगल में पत्थर कुचली हुई एक लाश मिली थी। पुलिस ने जब इस मामले में तहकीकात की तो पता चला कि वह लाश आदिल की थी। तफ्तीश में जानकारी मिली की आदिल के.के.आर. बेव न्यूज में काम करता था और उसके आर्थिक हालत ठीक नहीं चल रहे थे। उसको पैसों की सख्त जरूरत थी और वह थोड़े वक्त में दौलतमंद होने के ख्वाब देख रहा था। ऐसे में उसके अमीर होने की हसरत उसको 58 साल के मनीराम सेन के पास लेकर गई। मनीराम ने आदिल को बिना मेहनत के रईस होने का फार्मूला बताया, जो मनीराम ने इजाद किया था। आदिल मनीराम के जाल में फंस गया। मनीराम ने आदिल को दफीना दिलाने का लालच देकर उससे 17 हजार रुपए हड़प लिए।

जंगल में ले जाकर उतारा मौत के घाट

खजाना मिलने का इंतजार जब लंबा हुआ तो आदिल ने मनीराम पर पैसे वापस करने का दबाव बनाया। मनीराम किसी भी कीमत पर आदिल को रुपए पैसे वापस नहीं करना चाहता था। इसलिए उसने आदिल से छुटकारा पाने का खौफनाक प्लान तैयार किया और उसको ठिकाने लगाने का मन बना लिया। मनीराम ने आदिल से कहा कि दफीने के लिए तंत्र-मंत्र करना होगा और उसके लिए जंगल के वीराने में जाना होगा। साजिश के तहत मनीराम ने आदिल को आंख बंद कर बैठने को कहा और उसके बाद सिर पर पत्थर मारकर उसकी ख्वाहिशों का हमेशा-हमेशा के लिए खात्मा कर दिया। लाश की पहचान न हो, इसके लिए चेहरे को पत्थर से कुचल दिया। दफीना तो नहीं मिला, लेकिन जंगल की खामोशी में इस मौत का राज दफन हो गया।

5 हत्याओं की काट चुका है सजा

पुलिस ने इस कत्ल के संबंध में मृतक आदिल के यार-दोस्त और रिश्तेदारों सहित करीब 74 लोगों से पूछताछ की, लेकिन कातिल कितना ही शातिर क्यों न हो वह कुछ सुराग तो छोड़ ही जाता है। पुलिस ने इस कत्ल का सुराग देने पर 20 हजार रुपए का इनाम रखा था। जैसे ही मनीराम को पुलिस के सक्रिय होने की भनक लगी वह बगैर समय गंवाए फरार हो गया। फरारी के दौरान वह मोबाइल अपने साथ नहीं रखता था, इसलिए पुलिस को उस तक पहुंचने में काफी मशक्कत करना पड़ी।

जेल से छूटते ही फिर की हत्या

आरोपी मनीराम उस वक्त पुलिस के हत्थे चढ़ गया जब वह इलाहाबाद से लौटकर सागर जिले के राहतगढ़ पहुंचा था। मुखबिर की सूचना पर उसको राहतगढ़ से गिरफ्तार कर लिया गया। इससे पहले भी मनीराम रुपए हड़पकर पांच लोगों को मौत के घाट उतार चुका है। इस मामले में मनीराम को आजीवन कारावास की सजा भी हुई थी। एएसपी भदौरिया के मुताबिक मनीराम ने साल 2000 में विदिशा जिले के ग्यारसपुर में खजाना दिलाने के नाम पर 5 लोगों की हत्या की थी। इन सभी लोगों से उसने गढ़ा धन दिलवाने के नाम पर 5-5 हजार रुपए लिए।

इसके बाद वह सभी को जंगल में ले गया और वहां पर उनको एक-एक किमी की दूरी पर पेड़ के नीचे बैठा दिया था। तंत्र विद्या के नाम पर सभी के हाथ में धागा बांधा और बोरा रखकर आंखें बंद कर मंत्र जाप करने को कहा। इसके बाद उसने एक-एक कर सभी की पत्थर से सिर कुचलकर हत्या कर दी थी। मनीराम 2002 में पकड़ा गया था। साल 2006 में पैरोल पर छूटने के बाद वह फरार हो गया था और 4 महीने की फरारी काटने के बाद गुजरात से गिरफ्तार हुआ था। उसकी आजीवन कारावास की सजा साल 2017 में पूरी हो गई थी। सजा काटने के बाद वह अशोका गार्डन थाना क्षेत्र की नवाब कालोनी में रह रहा था ।

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