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लंपी वायरस से इंदौर में गाय की मौत, 385 गांवों में फैला संक्रमण

रतलाम, सागर और उज्जैन के साथ ही लंपी वायरस ने इंदौर संभाग के 385 गांवों में अपने पैर पसार लिए हैं। इन गांवों में 2 हजार से ज्यादा गाय-भैंस लंपी वायरस की चपेट में आ गई हैं। अकेले इंदौर में ही 81 गायों-भैंसों में लंपी वायरस पाया गया है, जबकि एक की मौत हुई है। इंदौर संभाग में दो दर्जन पशुओं की मौत की सूचना है। इसे लेकर पशु चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन हरकत में आ गया है। डॉक्टरों की कई टीमें इनके इलाज में जुटी हैं। पशु हाट मेलों को बंद कर दिया है। विभाग ने पशु पालकों व किसानों से अपील की है कि अगर उनके यहां गायों-भैंसों में लंपी वायरस जैसे लक्षण हैं तो तुरंत सूचना दें ताकि उनका इलाज हो सके और उन्हें स्वस्थ गायों-भैंसों से दूर रखें।

इंदौर में पिछले महीने देपालपुर के किसान मोतीलाल की दो गायों के शरीर पर लम्पी वायरस जैसे लक्षण पाए गए थे। इसमें गाय के शरीर पर गठानें और फफोले निकल आए थे। इन गाय को आइसोलेट कर इनका इलाज शुरू किया गया था। फिर देपालपुर के ही पशु पालक रितेश पांचाल की दो गायों में भी लम्पी वायरस जैसे लक्षण मिले थे। तब डिप्टी डायरेक्टर डॉ. अशोक बरेठिया ने बताया था कि इनकी सैंपल भोपाल भेजे गए हैं जिनकी रिपोर्ट नहीं मिली है। इसके बाद सितम्बर की शुरुआत में ही इंदौर ही नहीं बल्कि आसपास के गांवों में भी गायों-भैंसों में लंबी वायरस के लक्षण दिखे लेकिन अधिकारी सीधे तौर पर इनकार करते रहे।

इस बीच लंबी वायरस ने रतलाम, सागर, उज्जैन के साथ इंदौर संभाग में पैर पसारे। पिछले हफ्ते इसे लेकर एक ऑर्डर भी जारी हुआ जिसमें आगामी आदेश तक पशु हाट बाजार संचालित नहीं करने पर रोक लगाई गई। राजस्थान, गुजरात सहित अन्य राज्यों से पशुओं के ट्रांसपोर्टेशन पर रोक लगाई गई है। धारा 144 के तहत उन्हें एक जिले से दूसरे जिले में भी पैदल भी नहीं शिफ्ट किया जा सकता। यह नोटिफाई डिसीज (संक्रमित) है और जिस पर रोकथाम के प्रयास किए जा रहे हैं।

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