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Coronavirus: बगैर लक्षण का कोरोना वायरस फैला रहा है संक्रमण, जानिए इसके बारे में

Coronavirus: कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच ऐसे मरीजों ने सरकार की चिंता को बढ़ा दिया है, जो कोरोना पॉजिटिव तो हैं, लेकिन उन लोगों में कोरोना के कोई लक्षण दिखाई नहीं दे रहे हैं। कोरोना की जांच में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें किसी भी तरह के कोई भी लक्षण न होने के बावजूद वह कोरोना पॉजिटिव पाए गए। ऐसे लोग साथ में कोरोना लेकर घूम रहे हैं।

लक्षण नहीं, लेकिन है कोरोना पॉजिटिव

स्वास्थ सामान्य है किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन जैसे ही कोविड-19 का टेस्ट करवाया रिपोर्ट पॉजिटिव आई। ऐसे कई मामले सामने आए हैं, लेकिन इस तरह के मामले का दुखद पहलू यह है कि ऐसे लोग अनजाने में बेफिक्र होकर घूमते रहते हैं और कई लोगों को पता चलने तक संक्रमित कर चुके होते हैं। इन लोगों को बुख़ार, खासी, सांस की शिकायत नहीं थी। ऐसे मरीजों को पता ही नहीं था कि वो कोरोना लेकर घूम रहे हैं। ये और भी खतरनाक स्थिति हैं कि कोरोना फैल चुका है और किसी को पता भी नहीं चलता कि वो कोरोना के शिकार हो चुके हैं।

बगैर लक्षण का कोरोना है खतरनाक

इस तरह के मामलों को ‘एसिम्प्टोमैटिक कहा जाता है। इस तरह के मामले देश के तमाम हिस्सों से सामने आए हैं। इस तरह से भारत में एसिम्प्टोमैटिक कोरोना के मामले डाक्टरों के लिए नया सिर दर्द बन गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़ कोरोना संक्रमण तीन तरह से फैल सकता है। इसका पहला तरीका सिम्प्टोमैटिक है, जिसमें कोरोना के लक्षण दिखाई देते हैं और ऐसे मरीज लक्षण दिखने के पहले तीन दिन में लोगों को कोरोना फैला सकते हैं।

प्री सिम्प्टोमैटिक में दिखाई देते हैं लक्षण

दूसरा तरीका प्री सिम्प्टोमैटिक है, इस अवस्था की समयसीमा 14 दिन की होती है, जो इस वायरस का इंक्यूबेशन पीरियड भी है। इस अवस्था में सीधे तौर पर कोरोना के लक्षण दिखाई नहीं देते है, लेकिन हल्का बुख़ार, बदन दर्द जैसे लक्षण शुरुआती दिनों में दिखते हैं। एसिम्प्टोमैटिक में किसी तरह के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन वे लोग कोरोना पॉज़िटिव होते हैं और संक्रमण फैला सकते है। विशेषज्ञों का कहना है कि दुनिया भर में इस तरह के एसिम्प्टोमैटिक कोरोना पॉज़िटिव मामले तक़रीबन 50 फ़ीसदी के आस-पास हैं।

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