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Coronavirus: इस पड़ोसी मुल्क में सिर्फ 0.2 फीसद हुआ वैक्सीनेशन, लोगों ने टीके से बनाई दूरी

Coronavirus: कोरोना से इस वक्त पूरी दुनिया कराह रही है और इससे निजात पाने के लिए वैक्सीन की ओर आशा भरी निगाह से देख रही है, लेकिन इसके बावजूद कुछ मुल्क ऐसे हैं जहां पर लोग इससे परहेज कर रहे हैं। पड़ोसी देश पाकिस्तान में लोग कोरोना से पीड़ित हो रहे हैं, इसके बावजूद अभी तक सिर्फ 0.2 फीसद लोगों ने वैक्सीनेशन करवाया है।

सरकार की अपील अवाम पर बेअसर

पाकिस्तान में COVID-19 के खिलाफ लड़ाई में सरकार की अपील का अवाम पर कोई असर नहीं हो रहा है। पाकिस्तानी लोग सरकार की अपील के बावजूद वैक्सीन लगवाने से परहेज कर रहे हैं। बलूचिस्तान के COVID-19 टीकाकरण सेल के समन्वयक डॉ. वसीम बेग ने द डिप्लोमैट को बताया, “सरकार टीकाकरण को लेकर जागरूकता फैला रही है, लेकिन लोग टीकाकरण के लिए आगे कदम नहीं बढ़ा रहे हैं। हमने एक डोर-टू-डोर सर्विस भी शुरू की है, लेकिन लोग वैक्सीन को लेकर जागरुक नहीं हैं। केवल शिक्षित लोग ही टीकाकरण करवा रहे हैं।”

सिर्फ आठ लाख लोगों ने करवाया वैक्सीनेशन

डॉ. वसीम बेग ने कहा, “लोग टीकों से डरते हैं। उन्हें डर है कि वैक्सीन की वजह से वह बीमार हो सकते है। हमने अखबारों, मौलवियो), वरिष्ठ डॉक्टरों के साक्षात्कार और सोशल मीडिया के जरिए लोगों को टीकाकरण के लिए जागरूक किया है। इसके बावजूद अभी भी बहुत कम लोग वैक्सीन के लिए आ रहे हैं।” गौरतलब है COVID-19 वेरिएंट वैश्विक स्तर पर बड़ा कहर बरपा रहे हैं। विभिन्न देशों में चल रहे टीकाकरण अभियान ने दुनिया भर में तीसरी लहर के प्रभाव को रोकने में अहम रोल निभाया है। पाकिस्तान में अभी तक सिर्फ आठ लाख लोगों ने टीका लगवाया हैं। यह आंकड़ा वहां की जनसंख्या का सिर्फ 0.2 फीसद है।

भारत ने भी पाकिस्तान से छह गुना अधिक हुआ वैक्सीनेशन

कुंवर खुलदून शाहिद ने द डिप्लोमैट में लिखते हुए बताया कि यदि टीकाकरण की रप्तार यही रही तो इस दर से पाकिस्तान को अपने 22 करोड़ लोगों को टीका लगवाने में साढ़े चार साल का वक्त लगेगा। इसके विपरीत इजरायल अपनी 60 फीसदीआबादी का टीकाकरण कर चुका है। इसके अलावा यूके में 50 फीसद, चिली में 42 फीसद और बहरीन में 40 फीसद लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका हैं। ‘द डिप्लोमैट’ के मुताबिक दक्षिण एशिया में, भूटान ने 63 फीसद, मालदीव ने 55 फीसद और यहां तक ​​कि भारत ने भी पाकिस्तान से छह गुना अधिक लोगों को टीके लगाए जा चुके हैं।

पाकिस्तान के कराची, इस्लामाबाद, मुल्तान और पेशावर जैसे शहरी केंद्रों के साथ पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा जैसे शहरी इलाकों के भी हालात कुछ इसी तरह से हैं। वहां पर भी लोग टीका लगवाने से पहरहेज कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में, COVID-19 दिशानिर्देश अस्पतालों के सामने या टीवी और रेडियो पर सरकारी प्रायोजित विज्ञापनों और अखबारों में बैनर तक सीमित होकर रह गए हैं। महामारी के दौरान ग्रामीण इलाकों में लोगों ने मास्क तक पहनने से परहेज किया है।

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