Coronavirus: कोरोना वायरस की महामारी और ऑक्सीजन के साथ रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी के चलते कई घरों के चिराग बुझ गए हैं। ऐसा ही एक दर्दनाक वाकिया उत्तर प्रदेश के नोएडा से सामने आया है जहां पर एक मजबूर मां अपने इकलोते बेटे को बचाने के लिए सीएमओ के पैर पकड़कर गिड़गिड़ाती रही, लेकिन रेमडेसिविर न मिलने की वजह से बेटा जिंदगी की जंग हार गया।
रेमडेसिविर की नहीं हो सकी व्यवस्था
लाचार मां हर हाल में बेटे का इलाज करवाना चाहती थी। इसके लिए उसने मिन्नतें की, गिड़गिड़ाई और हरसंभव कोशिश की, लेकिन होनी को कुछ ओर ही मंजूर था। मां बेटे को बचाने के लिए सीएमओ दीपक ओहरी के पैर पकड़कर गिड़गिड़ाती रही। रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए गुहार लगाती रही और कहती रही की प्लीज मेरे बेटे को बचा लो। लेकिन बेजान हो चुके सिस्टम पर मां की इस करुण पुकार और दर्द का कोई असर नहीं हुआ। आखिरकार इस लाचार मां का 24 साल का बेटा कोरोना से जंग हार गया और शहर के शिवालिक अस्पताल में उसने दम तोड़ दिया। मां जब अस्पताल पहुंची और बेटे की मौत के बारे में पता चला तो दरवाजे पर ही बेहोश होकर गिर गई।
मां- बेटे दोनों कोरोना संक्रमित
नोएडा के खोड़ा कालोनी की रहने वाली रिंकी देवी और उनका बेटा कोरोना संक्रमित हो गए थे। दोनों को सेक्टर 51 स्थित शिवालिक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल ने बेटे के लिए रेमडेसिविर की व्यवस्था करने को कहा और कहा कि ये सीएमओ दफ्तर में मिल जाएंगे। महिला ने सीएमओ के पैर पकड़े और दवा की भीख मांगी। चार बजे तक इंजेक्शन का इंतजार भी किया , लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। आरोप है कि रेमडेसिविर देने की बजाय सीएमओ ने कहा कि दोबारा इंजेक्शन मांगने आईं तो पुलिस के हवाले कर देंगे। अपने बेटे को खोने वाली मां अब सदमे में है, क्योंकि घर का चिराग हमेशा के लिए बुझ गया है।