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Coronavirus: मुंबई में किन्नर बने जरूरतमंदों के मददगार, 80 हजार लोगों तक पहुंचाई मदद

Coronavirus: कोरोना वायरस ने जहां लोगों को शारीरिक पीड़ा दी वहीं लोगों को आर्थिक रूप से भी तोड़कर रख दिया है। कोरोना संक्रमण की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण लोगों के सामने रोटी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में मुंबई महानगर में किन्नर लोगों की मदद के लिए आगे आए हैं और उनको जरूरत का साजोसामान उपलब्ध करवा रहे हैं।

80 हजार से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया राशन

मुंबई शहर में लॉकडाउन की स्थिति में जरूरी सामान के लिए तरस रहे लोगों की मदद किन्नर कर रहे हैं। ऐसे समय जबकि कोरोना के खौफ से हर कोई अपने घरों में कैद है। यहां ‘किन्नर मां संस्था’ से जुड़े सदस्य मुंबई के अलग-अलग इलाकों में जाकर जरूरतमंद लोगों तक राशन पहुंचाने का काम कर रहे हैं। संस्था की अध्यक्ष सलमा खान का कहना है कि उनकी संस्था कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद वे अब तक 80 हजार से ज्यादा लोगों को राशन दे चुकी है। मां संस्था से जुड़े लोग रोजाना एक हजार से ज्यादा राशन के पैकेट बांटते हैं। इसके साथ ही वो मास्क और सैनिटाइजर भी दे रहे हैं। इस संस्था से एक लाख से ज्यादा किन्नर जुड़े हुए हैं।

झुग्गियों पर है ज्यादा ध्यान

संस्था की अध्यक्ष सलमा खान का कहना है कि लोगों की मदद करना सरकार का काम है, लेकिन हम सरकार के भरोसे नहीं बैठ सकते हैं। हम सभी को अपनी जिम्मेदारी उठानी चाहिए। इसलिए हम जरूरतमंदों तक राशन पहुंचाने का काम कर रहे हैं। हम मुंबई के अलावा ठाणे, नालासोपारा, पालघर, पुणे और वसई में भी लोगों को राशन दे रहे हैं। सबसे पहले इस मुहिम को किन्नरों के लिए शुरू किया था, लेकिन बाद में हम आम लोगों की मदद भी करने लगे। हम ज्यादातर झुग्गी में रहने वाले लोगों तक ही राशन पहुंचाते हैं।

किन्नर बुनियादी अधिकारों से हैं वंचित

सलमा खान ने कहा कि वह इंसानियत के नाके यह काम कर रहे है और सिर्फ मानवता का धर्म निभा रहे हैं। वर्तमान हालात में लोगों को मदद की दरकार है और वहीं काम हम कर रहे हैं। इसके बावजूद किन्नरों को समाज में सही स्थान नहीं मिला है और वह बुनियादी मानव अधिकारों से भी वंचित हैं।

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