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Coronavirus: छोटे बच्चों के लिए तलाक की जिद छोड़ किया समझौता, कोरोना से पति–पत्नी दोनों की गई जान

Coronavirus: कोरोना वायरस ने इंसान को जिंदगी की ऐसी त्रासदी, आपदा और सबक दिए हैं, जिसको वह चाहते हुए भी नहीं भूल सकता है। किसी के सर से माता-पिता की साया उठ गया, तो किसी की मांग का सिंदूर उजड़ गया। किसी के घर का चिराग बुझ गया तो कहीं इंसनी रिश्ते तार-तार हो गए। ऐसा ही एक वाकिया इंदौर शहर में हुआ, जहां मतभेद होने के बावजूद पति-पत्नी नो बच्चों की खातिर तलाक नहीं लिया, लेकिन कोरोना की वजह से दोनों की मौत हो गई।

बच्चों की परवरिश को दी तवज्जो

कोरोना से दंपत्ति की मौत का मामला इंदौर के छावनी स्थित श्रद्धानंद मार्ग का है। यहां पर रहने वाले दंपती मनीष और नेहा नकी 20 नवंबर 2003 को शादी हुई थी। दोनों को एक बेटा और बेटी हैं। 2016 मे 13 साल बाद उन्होंने अलग होने के लिए परिवार न्यायालय में केस लगाया। पति तलाक का इच्छुक था, जबकि पत्नी बच्चों की खातिर तलाक नहीं लेना चाहती थी। साढ़े चार साल तक केस चलने और समझाईश के बाद दोनों एक बार फिर साथ रहने के लिए राजी हो गए।

बच्चों के सिर से उठा माता-पिता का साया

लेकिन नियति को कुछ ओर ही मंजूर था। जिंदगी अच्छी तरह से गुजर रही थी कि दोनों को कोरोना ने अपनी चपेट में ले लिया। पहले पति की मौत हुई और उसके बाद पति की मौत के सदमे में पत्नी भी दुनिया से रुखसत हो गई। अब 17 साल के बेटे और 14 साल की बेटी के सिर से माता-पिता का साया उठ गया। न्यायालय में केस चलने के बावजूद पत्नी पति के कोरोना पॉजिटिव होने पर उसकी सेवा में चली गई और खुद भी संक्रमित हो गई।

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