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Coronavirus: NMC का बड़ा फैसला, 6 महीने में सभी मेडिकल कॉलेज में लगेंगे ऑक्सीजन प्लांट

Coronavirus: देश में चल रहे सांसों के संकट के बीच अब भविष्य में ऑक्सीजन की समस्या को दूर करने के लिए दूरगामी योजना बनाई गई है। इसके तहत नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC)ने देशभर के सभी मेडिकल कॉलेजों को छह महीने के अंदर ऑक्सीजन प्लांट लगाने के निर्देश दिए हैं, जिससे आपातकाल में ऑक्सीजन की निर्बाध सप्लाई हो सके।

ऑक्सीजन प्लांट लगाने के दिए निर्देश

कोरोना महामारी की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा समस्या ऑक्सीजन की कमी की हुई है। अब भविष्य में ऑक्सीजन का भंडार भरपूर रहे इसके लिए योजनाएं बनाई जा रही है। इसके अंतर्गत अब एमबीबीएस की पढ़ाई करा रहे सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाना अनिवार्य होगा। भविष्य में कॉलेजों को संचालन की अनुमति के लिए भी इस संयंत्र को एक आवश्यक संसाधन माना जाएगा। NMC ने आदेश देते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेज पीएसए या वीएसए ऑक्सीजन संयंत्र की स्थापना करें। ये दोनों अलग-अलग तकनीक के संयंत्र हैं जिनसे ऑक्सीजन बनती हैं। इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज अस्पतालों को तरल ऑक्सीजन के भंडारण के लिए एक ऑक्सीजन टैंक की स्थापना भी करनी होगी। जिन अस्पतालों के पास अब तक यह टैंक फिलहाल नहीं है, उन्हें तत्काल इसकी व्यवस्था करनी होगी।

पाइप के जरिए हो आपूर्ति

NMC ने कहा कि इन दो जरूरी उपायों के अलावा सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उन सभी बिस्तरों तक पाइप के जरिये ऑक्सीजन की आपूर्ति की व्यवस्था हो, जिनमें गंभीर या ऑक्सीजन की आवश्यकता वाले रोगियों को भर्ती किया जाता है। इसके साथ ही NMC ने सभी मेडिकल कॉलेजों में 2022 तक आपातकालीन चिकित्सा विभाग की स्थापना करने के भी निर्देश दिए हैं। गौरतलब है इस समय देशभर में 542 मेडिकल कॉलेज हैं, जो एमबीबीएस और एमडी की पढ़ाई करवा रहे हैं।

बेड्स का हो बेहतर इस्तेमाल

कोरोना की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा दिक्कत मेडिकल संसाधनों की कमी की देखी गई। जिसमें ऑक्सीजन की कमी की वजह से कई मरीजों को अपनी जान गंवाना पड़ी। ऐसे में सरकार की कोशिश यही है कि देश में मौजूद मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सकीय ढांचे का बेहतर इस्तेमाल किया जा सके। क्योंकि जरूरी संसाधनों खासकर ऑक्सीजन की कमी होने से इस मुश्किल वक्त में इन मेडिकल कॉलेजों के बेड्स का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है।

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