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अस्पताल में तड़प रही थी कोरोना वाॅरियर, जान बचाने के लिए नूरी खान ने खुद चलाई एंबुलेंस

वैक्सीनेशन ड्यूटी के दौरान महिला हुई बीमार ,समय पर उपचार ना मिलने से महिला की मौत

इंदौर। देश में लगातार बढ़ते संक्रमण के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे है वही इस महामारी में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले फ्रंटलाइन वर्कर्स जिनमें स्वास्थ्यकर्मी अहम रोल निभा रहे है लेकिन वही जब संक्रमित मरीजों का उपचार करते करते हेल्थ वर्कर्स खुद बीमार हो रहे है तो उनकी सूज-बूझ लेने वाला कोई नहीं है। ऐसा ही दिल दहला देने वाला मामला सामने आया उज्जैन से जहाँ संक्रमितों का इलाज करते नगमा नामक महिला बीमार हो गई और समय रहते इलाज ना मिलने से उसकी मृत्यु हो गई ।

उज्जैन जिले के नलिया बाखल नजमा पति रमजान छत्री चौक डिस्पेंसरी में वैक्सीनेशन ड्यूटी के दौरान तबीयत बिगड़ी थी। रमजान ने बताया कि गुरुवार से उसकी पत्नी नजमा की तबियत बिगड़ती चली गई जिसको देख रमजान ने नजमा को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया लेकिंन वहां भी उसका ठीक से उपचार नहीं हो सका जानकारी मिलने पर कांग्रेस पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता नूरी खान सिविल अस्पताल पहुंची जहां उन्हें नजमा की हालत बेहद नाजुक दिखाई दे रही थी । जिसके बाद नूरी ने डॉक्टर्स के साथ जाकर नजमा का हाल जाना। डॉक्टर्स ने बताया नजमा बेहोश हैं और उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ है डॉक्टर्स ने यह भी बताया कि सिविल अस्पताल में न्यूरो सर्जन नहीं है और नजमा की हालत खराब हो रही है। उनका ऑक्सीजन लेवल भी लगातार गिर रहा है। संभवत उन्हें कोरोना के लक्षण भी हैं और जल्द ही उन्हें अन्य अस्पताल में इलाज के लिए लेकर जाना चाहिए। डॉक्टर से बातचीत के बाद नूरी खान ने देर रात नसबा को प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करवाया था एम्बुलेंस चालक नहीं होने के कारण उन्होंने खुद ही एंबुलेंस चलाई थी ।

कांग्रेस पार्टी प्रदेश प्रवक्ता नूरी खान का कहना है कि सरकार की ड्यूटी निभाते हुए नजमा को ब्रेन हेमरेज हुआ है उसके बावजूद सरकार ने उसे यंहा अकेला छोड़ दिया और अस्पताल में समय पर उपचार नहीं मिलने से नजमा की जान चली गई ।

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