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Corona Third Wave: कोरोना की तीसरी लहर होगी दूसरी की तरह खतरनाक? विशेषज्ञों ने कही ये बात

Corona Third Wave: कोरोना की दूसरी लहर की असर धीरे-धीरे कम होता जा रहा है और जनजीवन भी धीरे-धीरे पटरी पर आने लगा है, लेकिन अब देश में कोरोना की दूसरी लहर को लेकर चिंता सताने लगी है। इस बात के कयास लगाए जाने लगे हैं कि क्या कोरोना की तीसरी लहर दूसरी की तरह खतरनाक होगा या इसका असर दूसीर लहर से कम होगा। इस बारे में विशेषज्ञों ने अपनी बात रखी है।

आईआईटी से मिले संकेत

कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चल रही चर्चा के बीच विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी है। भारतीय प्रौद्यौगिकी संस्थान (आईआईटी) के विशेषज्ञ तीसरी लहर की मॉडलिंग कर रहे हैं और अगले सप्ताह इस पर एक विस्तृत रिपोर्ट पेश करेंगे, लेकिन उनका यह भी कहना है कि तीसरी लहर छोटी हो सकती है। आईआईटी के प्रोफेसर मनिंदर अग्रवाल ने ट्वीट करबताया कि ब्रिटेन में कोरोना की नई लहर को लेकर काफी चिंता जताई जा रही थीं, लेकिन संक्रमण का दायरा अभी तक सीमित है, इससे स्पष्ट है कि यह कोई बड़ा आकार लेती हुई अभी तक नहीं दिखाई दे रही है। मॉडल संकेत इस बात की गवाही दे रहे रहे हैं कि आगे भी इसके ज्यादा बढ़ने के रुझान नहीं हैं।

छोटी होगी तीसरी लहर

हिन्दुस्तान से बात करते हुए प्रोफेसर मनिंदर अग्रवाल ने बताया कि हालांकि उनके सूत्र मॉडल के नतीजों को अभी विश्लेषण कर अंतिम रूप दिया जाना शेष है, लेकिन आरंभिक संकेतों से स्पष्ट है कि भारत में भी तीसरी लहर ज्यादा बड़ी नहीं होगी। यह पहली और दूसरी लहर की तुलना में काफी कमजोर हो सकती है। उन्होंने कहा कि लहर कब आएगी और वास्तव में इसका प्रभाव कितना रहेगा, इसका विश्लेषण किया जा रहा है तथा अगले सप्ताह इस पर एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की जाएगी

वैक्सीनेशन से लगेगी लगाम

प्रोफेसर मनिंदर अग्रवाल ने कहा कि ब्रिटेन में कोरोना कीतीन लहरें आ चुकी हैं। चौथी लहर नहीं आने का एक कारण टीकाकरण हो सकता है। भारत में भी टीकाकरण तेजी से हो रहा है, इसलिए इसका असर स्पष्ट तौर पर आंकड़ों पर दिखेगा। देश में कोरोना संक्रमण तेजी से कम हो रहा है। लेकिन इसको पहले के स्तर पर आने में अभी कम से कम एक महीने का वक्त और लग सकता है। गौरतलब है कि फरवरी में कोरोना के मामले घटकर नौ हजार के करीब रह गए थे।

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