पेरिस। यूरोप के कई देशों में कोरोना का खौफ कायम है। फ्रांस के प्रधानमंत्री जीन कास्टेक्स संक्रमित हो गए हैं। वे ब्रुसेल्स में बेल्जियम के प्रधानमंत्री के साथ एक बैठक में भाग लेने गए थे। वहां से लौटने पर कोरोना संक्रमित पाए गए। उनके संक्रमित होने की पुष्टि के बाद बेल्जियम के पीएम अलेक्जेंडर डी क्रू क्वारंटीन हो गए हैं। प्रधानमंत्री कास्टेक्स ने पड़ोसी देश बेल्जियम से लौटने के बाद कोविड-19 जांच कराई थी। इसमें वे संक्रमित पाए गए हैं। सोमवार को कास्टेक्स की एक बेटी भी पॉजिटिव पाई गई। उधर, बेल्जियम के पीएम कार्यालय ने कहा बताया कि पीएम क्रू भी कोरोना जांच कराएंगे। इसकी रिपोर्ट आने तक वे आइसोलेशन में रहेंगे।
फ्रांस की 75 फीसदी आबादी का कोरोना रोधी टीके लग चुके हैं। इसके बावजूद देश में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इस कारण अस्पतालों में भर्ती होने वालों और मौतों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।
मार्च तक सात लाख और मौतों का अंदेशा
इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने यूरोप में कोरोना की नई लहर को लेकर चिंता जताई है। लंदन स्थित डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. हंस क्लूज ने चेतावनी दी कि अगर बचाव के लिए तत्काल उपाय नहीं अपनाए जाते हैं, तो संक्रमण की वजह से मार्च तक सात लाख और मौतें हो सकती हैं। वहीं डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि अब लोग कोरोना संक्रमण को लेकर सुरक्षा नहीं बरत रहे हैं। अब अतिसंवेदशील लोगों को बूस्टर डोज दिए जाने की जरूरत है। वहीं जेनेवा में मौजूद विश्व स्वास्थ्य संगठन के अंतरराष्ट्रीय हेडक्वार्टर ने बूस्टर डोज पर इसके विपरीत बात कही है। डब्ल्यूएचओ ने इस साल के अंत तक बूस्टर डोज पर रोक लगाने की बात कही है, क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि विकासशील देशों में भी वैक्सीन लगना जरूरी है, इन विकासशील देशों में अब भी वैक्सीन की कमी है।अमीर देशों के मुकाबले इन देशों में वैक्सीन की कमी बनी हुई है।
एक सप्ताह में 4200 मौतें
यूरोप और मध्य एशिया में इस समय कोरोना की स्थिति बहुत ही चिंताजनक बनी हुई है। हमें ठंड के मौसम में में अभी इसका और सामना करना होगा। डब्ल्यूएचओ यूरोप ने ये भी कहा कि लोगों को वैक्सीन लगवानी चाहिए। साफ सफाई का ध्यान रखना चाहिए. साथ ही सोशल डिस्टैसिंग का अब भी पालन करना चाहिए। यूरोप में पिछले एक सप्ताह के अंदर हर दिन 4200 मौतें हुई हैं। समूचे यूरोप में अब तक कोरोनवायारस के कारण 15 लाख लोग अपनी जान गवां चुके हैं।
क्यों बढ़ रहे कोरोना केस
यूरोप में कोरोना के मामले क्यों बढ़ रहे हैं, इसकी तीन प्रमुख वजह हैं. यूरोप में डेल्टा वेरिएंट के कारण वायरस तेजी से फैला. मास्क पहनने और फिजिकल डिस्टैंस को लेकर यहां ढिलाई बरती गई. विश्व स्वास्थ्य संगठन (यूरोप) ने तीसरी वजह बताई कि अब भी लोगों ने वैक्सीनेशन नहीं करवाया है. इसलिए 25 देशों में बेड, और 53 में से 49 देशों में आईसीयू बेड की जरूरत अब से 1 मार्च 2022 के बीच पड़ेगी. 1 मार्च 2022 तक कुल मिलाकर 20 लाख मौतें कोरोना के कारण हो सकती हैं.
स्कूल शुरू होते ही फूटा कोरोना बम, जयपुर में 12 बच्चे पॉजिटिव
राजस्थान में स्कूल शुरू होते ही बच्चों में कोरोना संक्रमण के डराने वाले आंकड़े सामने आए हैं। जयपुर के जयश्री पेड़ीवाल अंतरराष्ट्रीय स्कूल में एक ही दिन में 12 बच्चे कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इसके बाद स्कूल प्रबंधन ने स्कूल एक हफ्ते के लिए बंद कर दिया है। इस स्कूल से कुल 185 बच्चों सैंपल लिए गए थे। 12 बच्चे संक्रमित मिले हैं।
जयश्री पेड़ीवाल अंतरराष्ट्रीय स्कूल के कॉडिनेटर अनुज शर्मा ने बताया की डे-बोर्डिंग होने की वजह से स्कूल में लगातार छात्रों का चैकअप किया जाता है। मुंबई से आए एक स्टूडेंट कोरोना पॉजिटिव मिला था, इसके बाद कांटेक्ट ट्रेसिंग कर अन्य बच्चों के भी सैंपल लिए गए थे। इनमें 12 बच्चे पॉजिटिव मिले हैं। सभी एसिमटोमैटिक है। स्टूडेंट भी डे बॉर्डिंग में पढ़ने वाले हैं। शर्मा ने बताया कि इस दौरान आॅनलाइन पढ़ाई चालू रहेगी, ताकि स्कूल के दूसरे बच्चे घर बैठकर पढ़ सकें। बताया जा रहा है कि यह बच्चे 11वीं क्लास के हैं।
दीपावली से अब तक 19 बच्चे मिले पॉजिटिव
जयपुर में 15 नवंबर से 100 प्रतिशत क्षमता के साथ स्कूल शुरू हुए थे। शहर में नवंबर में अब तक कुल 19 बच्चे संक्रमित मिल चुके हैं। इसमें से ढाई साल के एक बच्चे की तो इलाज के दौरान आरयूएचएस में मौत हो गई थी। बड़े स्कूलों की बात करें तो सवाई मानसिंह स्कूल में कुछ बच्चे पॉजिटिव आए थे, इसके बाद जयश्री पेड़ीवाल स्कूल में भी पिछले दिनों एक छोटा बच्चा पॉजिटिव मिला था। वहीं नीरजा मोदी स्कूल का भी एक स्टूडेंट पिछले दिनों पॉजिटिव आया था, लेकिन वह बच्चा दीपावली बाद से स्कूल नहीं गया था। आज फिर 11 नए केस जयश्री पेड़ीवाल स्कूल में मिलने के बाद स्कूल प्रबंधन ने बड़े बच्चों के स्कूल को 7 दिन के लिए आज से बंद कर दिया है।