नई दिल्ली। देश में पिछले 15 दिनों में कोरोनाके मामलों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। 24 घंटे में कोरोना के 2.71 लाख नए मामले सामने आए। यह इससे पहले मिले नए केसों से महज तीन हजार ही ज्यादा रहे। ऐसे में ज्यादातर विश्लेषक मान रहे हैं कि भारत में कोरोना की पीक जल्द ही आ सकती है। इस बीच आईआईटी मद्रास के विश्लेषण ने एक और राहतभरी खबर दी है। इसके मुताबिक, दिसंबर 2020 और जनवरी 2021 के दो हफ्तों में देश में आर वैल्यू के लगातार बढ़ने के बाद 7 से 13 जनवरी को पहली बार इसमें गिरावट दर्ज की गई। फिलहाल देश में औसत आर वैल्यू 2.2 पर ठहर गई है।
इस तरह समझें आर वैल्यू को
आसान भाषा में समझें तो आर वैल्यू किसी संक्रमित द्वारा दूसरों को संक्रमित करने क्षमता का आंकड़ा है। यानी अगर किसी कोरोना संक्रमित की आर वैल्यू एक है, तो उसकी ओर से किसी एक और व्यक्ति को संक्रमित किए जाने का खतरा है। उधर अगर किसी व्यक्ति की आर वैल्यू तीन है, तो वह तीन लोगों के लिए खतरा पैदा कर सकता है। आमतौर पर कोरोना के बड़े स्तर पर फैलने के दौरान इंसानों की आर वैल्यू ज्यादा होती है।
इंदौर में फरवरी में पीक पर रहने की संभावना
इंदौर। शहर में फरवरी माह में कोरोना के पीक पर रहने की जो आशंका जताई जा रही है वह मौजूदा हालातों के लिहाज से सही साबित होती दिख रही है। शहर में एक्टिव मरीज नौ हजार तक पहुंच चुके हैं। दैनिक मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। संक्रमण दर 16.52 प्रतिशत के पार हो चुकी है। स्वास्थ्य के लिहाज से देखें तो गंभीर लक्षण किसी में नहीं है लेकिन आंकड़ों की बात करें तो स्थिति चिंताजनक ही है। क्योंकि शहर का कोई भी ऐसा वार्ड नहीं बचा है जहां कोई संक्रमित नहीं हो। एक हफ्ते में सभी 85 वार्डों में संक्रमण फैल चुका है। एक हफ्ते पहले शहर के 76 वार्डों तक संक्रमण था। शहर में संक्रमितों में 57.70 फीसदी पुरुष, 42.29 फीसदी महिलाएं और 5.90 फीसदी 18 साल तक के बच्चे हैं। 1 जनवरी से 15 जनवरी तक मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। साथ ही शहर में हर दूसरे, तीसरे घर में सर्दी, खांसी और बुखार से लोग पीड़ित हैं। हालांकि ये लोग आम इलाज से ठीक हो रहे हैं ऐसे में टेस्ट नहीं करवा रहे हैं। इससे संक्रमितों का सही आंकड़ा सामने नहीं आ रहा है। ऐसे में कहा जा सकता है कि पूरा शहर संक्रमण की चपेट में है। कोरोना की तीसरी लहर पूरे शबाब पर है। प्रतिदिन के मरीजों का आंकड़ा दो हजार के करीब है। वहीं शहर के प्रमुख हॉट स्पॉट की बात की जाए, तो वर्तमान में विजय नगर और सुदामा नगर हॉट स्पॉट बने हुए हैं। कोरोना की दूसरी लहर में भी यह दोनों इलाके टॉप पर थे। इस बार भी सबसे अधिक केस विजय नगर, सुदामा नगर, महू महालक्ष्मी नगर, आरआरकेट से मिल रहे हैं।
यह है मरीजों की सच्चाई
शहर के मध्य बसे घने इलाकों में फिलहाल राहत हैं। इसमें नेहरू नगर, मालवा मिल, मल्हारगंज, रानीपुरा, कड़ावघाट, पंचम की फेल आदि ऐसे इलाके हैं, जहां फिलहाल बहुत कम केस निकल रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान में सबसे ज्यादा केस शहर के पॉश इलाकों में से आ रहे हैं। कारण यहां के लोग आगे होकर कोरना टेस्ट करा रहे हैं, जबकि सघन बस्तियों और कॉलोनियों में ऐसा नहीं है, जिस कारण यहां संदिग्ध कोरोना मरीज तो हैं, लेकिन यहां टेस्ट नहीं हो रहे हैं, इस कारण यहां संक्रमित सामने नहीं आ रहे हैं। इन इलाकों के अस्पताल और क्लीनिक का सर्वे किया जाए, तो यह बात साफ हो जाएगी कि यहां कोरोना के लक्षण वाले मरीज इलाज के लिए अधिक संख्या में पहुंच रहे हैं।
इन इलाकों में इतने मरीज
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में सबसे अधिक 220 कोरोना संक्रमित विजय नगर से मिले हैं। 161 केस के साथ सुदामा नगर दूसरे नंबर पर है। वहीं 154 केस के साथ महू तीसरे नंबर पर है। महालक्ष्मी नगर में 150, आरआर केट कालोनी 102, सिलीकॉन सिटी 98, साकेत नगर 94, निपानिया, 92, खजराना 91, नंदा नगर 89, सुकलिया 88, तिलक नगर 85, स्कीम नं. 54 85, बाणगंगा 82, रेसकोर्स रोड 80 साउथ तुकोगंज और न्यू पलासिया में 78-78 केस अब तक मिल चुके हैं। इसी प्रकार कनाड़िया रोड़ 73, खातीवाला टैंक, 72, स्कीम नं. 78 69, राजेंद्र नगर 67, जूनी इंदौर 66, शांति निकेतन कालोनी 62, मनोरमागंज 61, एयरपोर्ट रोड 59, शालीमार टाउनशीप 56, स्कीम नं. 114 लसुड़िया, स्कीम नं. 71 में 55-55, सिल्वर स्प्रिंग2 53, ओल्ड पलासिया में 52 कोरोना संक्रमित अब तक मिल चुके हैं। पिछले साल सुकलिया टॉप 3 में था, लेकिन तीसरी लहर में टॉप 10 हॉट स्पॉट में शामिल नहीं है।
इन इलाकों में बच्चे ज्यादा संक्रमित
वार्ड 36 (लसूड़िया मोरी), वार्ड 76 (मुंडला रायता), वार्ड 43 (श्रीनगर), वार्ड 47 (सरदार वल्लभ भाई) व वार्ड 42 (स्वामी विवेकानंद) आदि में से 76, 43 और 36 वे हैं जहां सबसे ज्यादा संक्रमित मिले हैं। ऐसे में इन परिवारों के बच्चे भी चपेट में आए हैं। अन्य दो वार्ड 47 और 42 में चंद्रलोक कॉलोनी, पालीवाल नगर, रविन्द्र नगर, कनाडिया मेन रोड, सिल्वर एवेन्यू सहित आसपास के क्षेत्र हैं।
इन इलाकों में 50 से कम केस
गुमाश्तन नगर, अपोलो डीबी सिटी, नवलखा, बंगाली चौराहा, गोयल नगर, राऊ, स्किम नं. 51, अन्नपूर्णा मेन रोड, आनंद नगर, मुसाखेड़ी, एरोड्रम थाना, द्वारकापुरी, विष्णुपुरी एनएक्स, टेलीफोन नगर, बिजलपुर, जावरा कम्पाउंड, एमआईजी कालोनी, सांवेर, अनूप नगर, कलानी नगर, उषा नगर, वायएन रोड, तुकोगंज, माणिक बाग, अनुराग नगर, जानकी नगर, कंचन बाग, श्रीनगर मेन, गीता भवन, एलआईजी, एबी रोड, मनीषपुरी, उषानगर में 50 से कम केस मिले हैं।
फरवरी तक होगा चरम
कोरोना के तेज प्रसार का मौजूदा रुझान देखते हुए हमारा गणितीय अनुमान है कि जनवरी के अंतिम या फरवरी के पहले हफ्ते के आस-पास इंदौर में महामारी की तीसरी लहर चरम पर पहुंच सकती है। इस दौरान जिले में एक ही दिन में 5,000 से ज्यादा नये संक्रमित मिल सकते हैं। -डॉ. निशांत खरे, सदस्य, राज्यस्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी
क्षेत्र के हिसाब से ही आकल संभव
हर वार्ड में एक-दो मरीज से लेकर ज्यादा तक आना संभव है। ऐसे में क्षेत्र के हिसाब से ही आकलन किया जा सकता है। –डॉ. बीएस सैत्या, सीएमएचओ इंदौर