Mradhubhashi
Search
Close this search box.

कांग्रेस और भाजपा में रूठों को मनाने का सिलसिला जारी

रूठा है तो मना लेंगे

भोपाल – चुनावी साल को देखते हुए दोनों ही पार्टियां चाहे वह कांग्रेस हो या भाजपा हो, अपने अपने रूठे कार्यकर्ताओं को मनाने में लगी हुई है। पार्टी ने इसका जिम्मा प्रदेश के बड़े नेताओं को दिया है। दरअसल बीते देनो हुई कोर कमेटी की बैठक में साफ हुआ था। कि जिन नेताओं को जिले के फीडबैक के लिए भेजा गया था। उन्होंने बताया कि कई जगह पर कार्यकर्ता और नेता रूठे हुए हैं। राजधानी में भी यह साफ तौर से देखने को मिला।

जब केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे थे तो यह बात साफ तौर से सामने निकलकर आई की जो पूर्व विधायक रहे हैं या फिर बीजेपी के नेता उनको पार्टी के बड़े नेता तवज्जो नहीं देते हैं। जब विधानसभा चुनाव आता है तभी रूठे कार्यकर्ताओं को मनाने का दौर संगठन के द्वारा किया जाता है। बताया जा रहा है कि रूठे नेताओं ने कल हुई बैठक में कई अहम मुद्दे उठाए। कहा कि क्षेत्रीय विधायक कोई बड़ा कार्यक्रम करते हैं तो नेताओं को भूल जाते हैं। कल हुई बैठक में पूर्व विधायक रमेश शर्मा उर्फ गुड्डू भैया , पूर्व विधायक शैलेंद्र प्रधान और कई बड़े नेता शामिल हुए थे।

सूत्रों की मानें तो कल बैठक में पूर्व विधायक शैलेंद्र प्रधान उठकर चले गए थे। फिर उनको जिलाधक्ष के द्वारा वापस बुलवाया गया वहीं पूर्व विधायक रमेश शर्मा उर्फ गुड्डू भैया ने कहा कि चुनाव के समय ही हम लोगों की याद आती है जैसे ही विधानसभा चुनाव निकल जाएंगे उसके बाद पार्टी और नेता दोनों ही भूल जाते हैं।वहीं कांग्रेस में भी रूठो का मनाने का सिलसिला लगातार जारी है।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पहले बुंदेलखंड के दौरे पर रहे जहां उन्होंने रूठे कार्यकर्ताओं को मनाने की पुरजोर कोशिश की।अब दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश की उन विधानसभा सीटों पर ज्यादा जोर डाल रहे हैं। जहां पर कांग्रेस कमजोर है।ऐसे में वहां के नाराज कांग्रेस कार्यकर्ताओं को इकट्ठा करने की जिम्मेदारी दिग्विजय सिंह के पास में सौंपी गई है। हालाकि नाराजगी को लेकर बात करी जाए तो दोनों ही पार्टी के बड़े नेता बोलने से बचते हुए नजर आते हैं। यदि बोलते भी हैं तो उनका साफ एक ही बयान रहता है कि पार्टी में कोई नाराज कार्यकर्ता नहीं है।यदि वह नाराज होगा तो हम उसको मना लेंगे। पार्टी एक परिवार है, अमूमन दोनों बड़ी पार्टियों की तरफ से यही बयान देखने को मिलते हैं।

रूठे को मनाना पड़ेगा नहीं तो हो सकता है बड़ा नुकसान -मध्यप्रदेश में दोनों ही बड़ी पार्टियों को अपने रूठे नेता और कार्यकर्ताओं को मनाना बहुत ज्यादा जरूरी है। क्योंकि विकल्प के तौर पर मध्य प्रदेश में कई छोटी बड़ी पार्टियां सक्रिय हो गई हैं। बताया तो यह भी जाता है कि सबसे ज्यादा सक्रियता आम आदमी पार्टी की देखने को मिलेगी।आम आदमी पार्टी के टच में मध्य प्रदेश के कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के रूठे हुए नेता और कार्यकर्ता टच में है।

ये भी पढ़ें...
क्रिकेट लाइव स्कोर
स्टॉक मार्केट