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कांग्रेस यूपी में 403 सीटों में केवल 2 सीटें ही जीत पाई, 144 में से 137 महिला कैंडिडेट्स की जमानत हुई जब्त

2022 UP विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 30 साल बाद प्रियंका की अगुआई में सभी 403 सीटों पर प्रत्याशी उतारे। लड़की हूं, लड़ सकती हूं…के नारे के साथ प्रियंका ने 40% महिलाओं के ट‍िकट द‍िए। हालांकि नतीजों में कांग्रेस का प्रदर्शन पिछले विधानसभा चुनाव से भी खराब रहा। पार्टी 403 सीटों में केवल 2 सीटें ही जीत पाई। देखिये ये रिपोर्ट।

कांग्रेस के लिए प्रियंका आखिरी उम्मीद थीं। उसे लगता था उत्तर प्रदेश के चुनाव से प्रियंका का जादू चलेगा। इसके बाद शायद पार्टी मे नई ऊर्जा आएगी। नतीजा बहुत निराशाजनक रहा। पार्टी को गिनती की 2 सीटें मिलीं, पिछले चुनाव से 5 कम। पार्टी ने 144 महिला कैंडिडेट को टिकट दिए, लेकिन केवल रामपुर खास सीट से आराधना मिश्रा को ही कामयाबी मिली। बाकी 137 महिला कैंडिडेट्स की जमानत जब्त हो गई।

चुनावी एक्सपर्ट्स का मानना है कि प्रियंका ने चुनाव से पहले जो 40% महिलाओं को टिकट देने का एक्सपेरिमेंट किया था। वह कांग्रेस के हक में नहीं गया। इन नतीजों के बाद निश्चित तौर पर प्रियंका की राजनीति का आंकलन होगा। उनके फैसले बेशक वोटों में तब्दील नहीं हो पाए हैं, लेकिन पूरे चुनाव में जिस तरह प्रियंका ने साफ सुथरी राजनीति को आगे बढ़ाया है, कांग्रेस उन्हें डिमॉरलाइज नहीं करेगी। हालांकि कांग्रेस को प्रियंका की राजनीतिक परिपक्वता भी दिखाई है। खुद प्रियंका की राजनीतिक समझ पहले से ज्यादा बढ़ी है। इसलिए कांग्रेस आने वाले चुनावों में भी प्रियंका का सहयोग लेती रहेगी। इस प्रदर्शन से उनके राजनीतिक करियर पर बहुत फर्क नहीं पडे़गा।”

UP में कांग्रेस करीब ढाई दशक से अपनी खोई हुई जमीन तलाश रही है। 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 28 सीटें जीती थीं। 2017 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सपा के साथ गठबंधन किया और 114 सीटों पर चुनाव लड़ा। इनमें उसे केवल 7 सीटों पर कामयाबी मिली। बीते 17 साल से कांग्रेस की राजनीति का बड़ा चेहरा रहीं प्रियंका 2019 में राष्ट्रीय महासचिव बनाई गईं। सबको लगने लगा था कि वो ही कांग्रेस के डूबते हुए जहाज को किनारे तक ले जाएंगी, लेकिन 2022 के चुनाव ने सभी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। लगभग दो दशकों से संभालकर रखा गया कांग्रेस का तुरुप का पत्ता कैसे अपने पहले ही दांव में बेकार चला गया।

लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ का नारा यूपीवालों को समझ नहीं आया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत, भूपेश बघेल, सचिन पायलट ने भी UP में आकर रैलियां की। अकेले प्रियंका ने 42 रोड शो किए। आखिरी चरण के चुनाव प्रचार तक उन्होंने कुल 167 रैलियां और जनसभाएं की, लेकिन नतीजों ने सारी मेहनत पर पानी फेर दिया।

कांग्रेस की 144 में से सिर्फ एक महिला प्रत्याशी जीती

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