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सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर और AIIMS डायरेक्टर में हुई झड़प, जानिए क्या है मामला

भोपाल। एआईआईएमएस (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) में मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं और व्यवस्थाओं को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। एआईआईएमएस के डायरेक्टर डॉ. सरमन सिंह और सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर अब आमने-सामने हैं। एक तरफ ठाकुर जहां केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से सिंह की शिकायत करने की तैयारी कर रही हैं। वहीं, सिंह हर मसले पर चुप्पी साधे हुए हैं। सिंह अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं पर भी कुछ नहीं कहना चाहते।

व्यवस्थाओं पर खड़े किए सवाल

गौरतलब है कि विकास कार्यों की समीक्षा बैठक में सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने अस्पताल प्रबंधन पर कोरोना काल में अच्छी व्यवस्थाएं न देने पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. सरवन सिंह पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान लोगों ने मुझे एम्स की शिकायतें कीं। अस्पताल में व्यवस्थाओं को लेकर डायरेक्टर के अलावा पूरा स्टाफ चिंतित है।

केवल मोबाइल पर ऑनलाइन दिखे डायरेक्टर- ठाकुर

सांसद ठाकुर ने आरोप लगाया कि कोरोना के वक्त एम्स डायरेक्टर केवल मोबाइल पर ऑनलाइन रहे, लेकिन फोन नहीं उठाए। प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि इन सभी शिकायतों को लेकर वे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात करेंगी। वे अपील करेंगी कि ऐसे व्यक्ति को एम्स में नियुक्त न किया जाए, जो जनता की न सुने। संकट काल में भी डायरेक्टर की भूमिका विवादित रही। भ्रष्टाचार में भी लगातार एम्स डायरेक्टर का नाम आता रहा है।

विवादों में आता रहता है नाम

डॉ. सरमन सिंह ने मीडिया को बताया कि मैं सरकारी आदमी हूं। मैं किसी भी प्रकार की राजनीति में नहीं पड़ना चाहता हूं। मैं अपना काम कर रहा हूं। हालांकि, उन्होंने अस्पताल में अव्यवस्थाओं के सवाल पर चुप्पी साध ली। गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी जानलेवा लहर के बाद जब इंजेक्शन की खेप एम्स अस्पताल पहुंची तो मरीज के परिजनों को सही समय पर इंजेक्शन नहीं मिल सके।

डांट दिया था युवती को

बता दें, कोरोना काल में परिजन के इलाज के लिए पहुंची युवती ने जब इंजेक्शन की जानकारी को लेकर एम्स डायरेक्टर को फोन किया तो वे झल्ला गए। उन्होंने लड़की से कहा- आपको बात करने की तमीज नहीं है। आपको बात करना सीखना चाहिए।

एम्स में लग रही लंबी लाइन, 30 फीसदी डॉक्टर छुट्टी पर

गौरतलब है कि एआईआईएमएस के 30% डॉक्टर छुट्टी पर चले गए हैं। इससे यहां और भी ज्यादा अव्यवस्थाएं फैल गई हैं। पूरे प्रदेश से मरीज यहां पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्हें देखने वाला कोई नहीं। मरीज इलाज के लिए 5 से 6 दिन लाइन में लग रहे हैं। अस्पताल परिसर में करीब डेढ़ से 2 किलोमीटर तक लंबी लाइन लगी हुई है।

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