लखनऊ। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि अगर विनायक दामोदर सावरकर की बात मानी जाती तो देश का विभाजन नहीं होता। अफसोस इस बात का है कि देश में जानबूझकर उन्हें पर्याप्त सम्मान नहीं दिया गया।
वीर सावरकर के नाम से लोगों में आता है उत्साह
सीएम योगी शुक्रवार को लखनऊ में वीर सावरकर पर लिखी किताब सावरकर- एक भूले बिसरे अतीत की गूंज के विमोचन समारोह को संबोधित कर रहे थे। सीएम ने कहा कि देश में जब भी वीर सावरकर की चर्चा होती है तो दो धाराएं देखने को मिलती हैं। एक धारा जो भारत को दुनिया में सबसे बड़ी ताकत के तौर पर देखना चाहती है। उनके मन में उत्साह और उमंग होता है। वहीं दूसरी धारा वह है, जो भारत को भारत नहीं रहने देना चाहती। उनके मन में निराशा और हताशा के लिए वीर सावरकर का नाम पर्याप्त है। सीएम योगी ने कहा कि वीर सावरकर का नाम आने से हम लोगों के लिए उत्साह इसलिए आता है क्योंकि पिछले समय में उनसे बड़ा देशभक्त, दार्शनिक, लेखक और कवि कोई नहीं हुआ। भारत माता के वे सच्चे सपूत थे, जिन्होंने देश के लिए दो दो कारावास की सजा भुगती थी। उनका लखनऊ और गोरखपुर से भी संबंध था। मेरे पूज्य दिग्विजयनाथ हिंदू महासभा के अध्यक्ष थे। उनका वीर सावरकर के साथ बहुत अच्छा संबंध था।
वीर सावरकर के साथ नहीं हुआ न्याय
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इतिहास में वीर सावरकर के साथ न्याय नहीं किया गया. ये भारत के हरेक उस महापुरुष के साथ हुआ है, जिसने भारत को नई सोच दी। आज भारत जिन मुद्दों के साथ आगे बढ़ रहा है, उन सब बातों को सावरकर ने 100 साल पहले उठाया था। उन्होंने कहा कि अगर सावरकर की बात मानी गई होती तो देश का कभी विभाजन नहीं होता। हमारा देश कभी आतंकवाद के प्रभाव में नहीं आता।