पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की जुबानी जंग के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिग्विजयसिंह पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि सिंधिया गद्दार नहीं बल्कि खुद्दार हैं। आखिर कांग्रेस कितना अपमान सहते। चुनाव लड़ा सिंधिया के नाम पर और कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाया। सरकार कमलनाथ नहीं, दिग्गी राजा चला रहे थे। कमलनाथ का तो नाम मात्र का चेहरा था।
बार-बार सिंधिया और उनके साथी जन समस्याओं की ओर ध्यान दिला रहे थे। कमलनाथ का अहंकार बड़ा था। कांग्रेस में हर नेता दूसरे नेता को छोटा करने के लिए बड़ा बयान देना चाहता है। कमलनाथ जी और दिग्विजय सिंह जी भी इस होड़ में शामिल है। सूत न कपास जुलाहों में लट्ठम लट्ठा।
सीएम ने कहा कि कमलनाथ जी में घमंड इतना कि कहते हैं कि मैं गाड़ी में बैठा कर दूसरी पार्टी में छोड़ आऊंगा। कोई भी खुद्दार यह कैसे बर्दाश्त करता। एक बात मैं जोर देकर कहना चाहता हूं कि अगर वह गलत लोग होते तो जनता उनको हजारों वोटों से कैसे जिताती? जो कांग्रेस में रहकर 1000-2000 वोटों से जीते थे, वे भाजपा में आकर 50-60 हजार वोटों से जीते। उन्होंने इस्तीफा दिया। चुनाव लड़ा। शान से जीत कर आए।
लेकिन कांग्रेस में तो छोटेपन और ओछेपन की होड़ लगी हुई है। हर नेता दूसरे नेता को छोटा करने के लिए बड़ा बयान देना चाहता है। कमलनाथ जी और दिग्विजय सिंह जी भी इस होड़ में शामिल है। सूत न कपास जुलाहों में लठ्ठम लट्ठा। कांग्रेस का क्या होगा भगवान मालिक है।
सिंधिया-दिग्विजय ने एक दूसरे पर साधा था निशाना
दरअसल, शुक्रवार को उज्जैन में दिग्विजय सिंह ने दावा किया था कि इस बार सरकार कांग्रेस की ही बनेगी। हे महाकाल, कांग्रेस में कोई दूसरा ज्योतिरादित्य सिंधिया पैदा न हो। जब कमलनाथ सरकार को गिराया गया उस समय राजा-महाराजा बिक गए थे, लेकिन दलित और गरीब विधायक हमारे साथ रहे थे। इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शाम को ट्वीट किया कि- हे प्रभु महाकाल, कृपया दिग्विजय सिंह जी जैसे देश-विरोधी और मध्यप्रदेश के बंटाढार, भारत में पैदा ना हो।