इस्लामाबाद। पोओके के गिलगिट-बाल्टिस्तान इलाके में चीन का बनाया एक पुल हिमनद झील की बाढ़ को नहीं झेल पाया और टूट गया। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है। दरअसल भीषण गर्मी की वजह से शिस्पर ग्लेशियर तेजी से पिघल रहा है और इसी वजह से हिमनद झील में बाढ़ आ गई।
यह पुल काराकोरम राजमार्ग पर बना था। पुल ताश के पत्तों की तरह गिर गया और पानी में बह गया। यह पुल चीन और पाकिस्तान को जोड़ने वाला मुख्य पुल है और चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर का हिस्सा है। खबरों के अनुसार, ग्लेशियर की बाढ़ ने ना केवल पुल को बल्कि घरों को जलमग्न कर दिया है। बांढ़ से कृषि भूमि, सैकड़ों नहरों, पेड़ों, जल आपूर्ति चैनलों और दो जल विद्युत परियोजनाओं को भी नुकसान पहुंचाया है। रिपोर्ट के मुताबिक इस हादसे की वजह से पुल के दोनों ओर हजारों पर्यटक फंस गए हैं। गौरतलब है कि ग्लेशियर फटने की घटना शनिवार की है।
पीओके में कभी भी फट सकती हैं 33 हिमनद झील
पाकिस्तानी एजेंसियों के मुताबिक ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं। उनका कहना है कि गिलगित-बाल्टिस्तान और खैबर पख्तूनखा इलाके में ही ग्लेशियर पिघलने से 3,000 से ज्यादा हिमनद झील बन चुकी हैं, जिनमें से 33 कभी भी फट सकती हैं। पाकिस्तान के पर्यावरण मंत्री शेरी रहमान ने वैश्विक नेताओं से कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए कदम आगे बढ़ाने का आह्वान किया है।