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डेल्टा से दहशत में आया ड्रैगन, 12 से 18 साल के बच्चों का होगा वैक्सीनेशन

बीजिंग। कोरोना वायरस की नई लहर के कहर से जूझ रहे चीन ने अब नाबालिगों को भी वैक्सीन लगाने का फैसला लिया है। कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के नए केस चीन में तेजी से देखने को मिल रहे हैं, जिससे निपटने के लिए चीन सरकार ने यह फैसला लिया है। बीते दो सप्ताह में चीन के करीब 18 प्रांतों से 450 नए केस मिले हैं। एक समय था, जब चीन में कोरोना के केस लगभग समाप्त हो गए थे, लेकिन एक बार फिर से उभार ने चिंताएं बढ़ा दी हैं। इसके चलते चीन ने कई शहरों में सख्त पाबंदियां एक बार फिर से लागू कर दी हैं और कई करोड़ लोग लॉकडाउन में चले गए हैं।

डेल्टा वैरिएंट ने फैलाए पैर

बुधवार को चीन में एक दिन में 71 नए केस मिलने का आंकड़ा दर्ज किया गया। इस साल जनवरी के बाद से चीन में यह सबसे अधिक संख्या है। पूर्वी चीन के शहर नानजिंग से शुरू हुई कोरोना की नई लहर ने जुलाई के तीसरे वीक से दस्तक देनी शुरू की थी। इसके बाद से अब बीजिंग से लेकर वुहान तक में कोरोना के केस फिर मिलने लगे हैं। वुहान वही शहर है, जिसे दुनिया में कोरोना संक्रमण का गढ़ माना जाता है। एक थ्योरी यह भी दी जाती है कि वुहान की लैब से ही कोरोना का संक्रमण दुनिया भर में फैला है। कहा जाता है कि 2019 के आखिरी महीनों में यहीं से कोरोना की शुरूआत हुई थी।

नाबालिगों का होगा वैक्सीनेशन

इस बीच चीन ने संकट से निपटने के लिए नानजिंग, झेंगझोउ और वुहान के हर नागरिक का कोरोना टेस्ट कराने का फैसला लिया है। यह कोरोना टेस्टिंग का चौथा राउंड चल रहा है। इस बीच अथॉरिटीज ने नाबालिगों को भी कोरोना टीका लगाने का फैसला लिया है। सरकार का कहना है कि इससे संक्रमण को रोकने में मदद मिलेगी। मंगलवार को चीन के शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि 12 से 17 साल की उम्र के लोगों का टीकाकरण अभियान अब पूरे देश में चलाया जाना चाहिए। चीनी मीडिया के मुताबिक 12 से 18 साल तक के सभी छात्रों को टीका लगाने का फैसला लिया गया है।

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