China Corona vaccine: चीन में बने कोरोना वैक्सीन को लेकर बवाल शुरू हो गया है। मुस्लिम संगठनों का कहना है कि इसमें सुअरों से मिलने वाले जिलेटिन का इस्तेमाल किया गया है इसलिए इसको नहीं लगवाएंगे।
पोर्क जिलेटिन के इस्तेमाल का है आरोप
चीन में बने कोरोना वैक्सीन में पोर्क जिलेटिन का इस्तेमाल करने का विवाद अब बढ़ता दिखाई दे रहा है। आरोप है कि वैक्सीन को स्टेबलाइज करने के लिए सुअर से मिलने वाले जिलेटिन का उपयोग किया जाता है इसलिए मुस्लिम संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। देश के नौ मुस्लिम संगठनों ने इस वैक्सीन को इस्लाम के खिलाफ बतलाते हुए इसके विरोध में फतवा जारी किया है। वहीं यूएई के प्रमुख इस्लामी संगठन फतवा काउंसिल ने कोरोना वायरस की वैक्सीन में पोर्क जिलेटिन होने पर भी इसको जायज ठहराया था। वहीं, देवबंद दारुल उलूम के मीडिया प्रभारी अशरफ उस्मानी के मुतबिक वैक्सीन को लेकर अभी तक कोई भी अधिकारिक बयान संस्थान की ओर से जारी नही किया गया है।
यूएई ने पोर्क जिलेटिन के इस्तेमाल को बताया जायज
वहीं इस मामले में कई बड़ी और नामचीन कंपनियों ने पोर्क-फ्री यानी सुअर के जिलेटिन का उपयोग किए बगैर वैक्सीन बनाने का दावा किया है। फाइजर, मॉडर्ना और एस्ट्राजेनेका ने बयान जारी कर कहा है कि उनकी वैक्सीन में पोर्क जिलेटिन का इस्तेमाल नहीं किया गया है। दरअसल इस मामले में विवाद उस वक्त शुरू हो गया था जब इंडोनेशिया के राजदूत और इस्लामिक धर्मगुरु कोरोना वैक्सीन पर बातचीत करने के लिए चीन गए थे। उस वक्त जब उनको वैक्सीन विकसित करने के तरीके के बारे में पता चला था तो उन्होंने इस पर अपनी आपत्ति दर्ज करवाई थी।