अपने बचपन के दोस्त को वीडियो कॉल के माध्यम से दी बधाई
विपिन जैन/बड़वाहChandrayaan-3 – कहते हैं दोस्ती (Friendship) सबसे प्यारा रिश्ता होता है. आप अपने दोस्त को वो सब बता सकते हो, जिसे किसी दूसरे को बताने में डरते हो. एक दोस्त हर पल अपने दोस्त का साथ देता है, भले ही वह कोई भी काम करे. वैसे तो दोस्ती के बहुत सारे किस्से आपने सुने होंगे.
ऐसा ब्रजेश यादव के बचपन का दोस्त संतोष लछेटा निवासी गंगवाड़ा ने 2012 में इसरो में जाकर बतौर वैज्ञानिक वर्तमान में स्पेस एप्लीकेशन सेंटर इसरो अहमदाबाद में कार्यरत है! चांद की जमीन पर पहुंचने वाले इस चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) के लिए कई सिस्टम तैयार करने में लछेटा भी वैज्ञानिकों में से एक सदस्य थे !
लछेटा का मित्र ब्रजेश यादव जनपद सदस्य रहकर अभी तक समाजसेवा का कार्य कर रहे हैं! दोनों दोस्तो ने स्कूल साथ मे की जब ब्रजेश अपनी बुआ के घर गंगवाड़ा जाते थे तो अपने दोस्त संतोष के घर भी जाते थे बचपन में दोनों मिलकर किसी विषय को लेकर चर्चा करते थे कि मैं वैज्ञानिक बनूंगा, तो मैं नेता बनूगा, मस्ती के साथ खेल कूद करते थे! आज एक नेता तो एक वैज्ञानिक है!
आज अपनी दोस्त की चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) में भागीदारी में शामिल दोस्त के लिए यादव ने दोस्त को वीडियो कॉल के माध्यम से बधाई दी! यादव बोले में बहुत गौरव की बात है कि आज मेरा दोस्त वैज्ञानिक बनकर पूरे भारत को गौरवान्वित कर रहा है यादव ने संतोष को बहुत सारी बधाइयां दी!