Char Dhama Yatra: चारधाम यात्रा के लिए अब कम समय बचा है। बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए आगामी 20 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इसकी औपचारिक घोषणा शुक्रवार को विजयादशमी पर की गई। केदारनाथ व यमुनोत्री धाम के कपाट छह नवंबर को भैया दूज के दिन बंद होंगे। वहीं, गंगोत्री धाम के कपाट पांच नवंबर को गोवर्धन पूजा के दिन बंद होंगे।
विजयदशमी के अवसर पर तिथि हुई घोषित
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि शीतकाल के लिए बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि विजयदशमी के दिन शुक्रवार को घोषित की गई। बदरीनाथ धाम के कपाट आगामी 20 नवंबर को शाम 6:45 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इससे पहले कोरोना महामारी की वजह से स्थगित चार धाम यात्रा को हाईकोर्ट से अनुमति मिल गई थी।
शर्तों के साथ दी थी इजाजत
अनुकूल परिस्थितियों को देखते हुए हाईकोर्ट ने कुछ प्रतिबंधों के साथ चार धाम यात्रा की इजाजत दी थी। मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने बद्रीनाथ धाम में 1200 यात्रियों, केदारनाथ धाम में 800, गंगोत्री में 600 और यमनोत्री धाम में कुल 400 यात्रियों के जाने की अनुमति दी थी। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने प्रत्येक तीर्थयात्री को कोविड नेगेटिव रिपोर्ट और दो वैक्सीन का सर्टिफिकेट साथ लाने के भी आदेश दिए थे।
तीर्थ पुरोहितों ने जताया था आभार
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में होने वाली चारधाम यात्रा के दौरान आवश्यक्तानुसार पुलिस फोर्स तैनात करने के आदेश दिए थे। साथ ही हाईकोर्ट ने कहा था कि भक्त किसी भी कुंड में स्नान नहीं कर सकेंगे। चार धाम यात्रा शुरू करने का तीर्थ पुरोहितों ने स्वागत किया था और इसके लिए हाईकोर्ट और सीएम पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया था। इससे पहले तीर्थ पुरोहितों ने मुख्यमंत्री धामी से मुलाकात कर चारधाम यात्रा शुरू करने की मांग की थी।