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Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 आज शाम 6:04 बजे चांद पर लैंड करेगा, आज लैंडिंग न होने पर इस दिन करेगा लैंड, लैंडिंग के होंगे ये 4 फेज

चंद्रयान-3 आज शाम 6:04 बजे चांद पर लैंड करेगा, आज लैंडिंग न होने पर इस दिन करेगा लैंड, लैंडिंग के होंगे ये 4 फेज

Chandrayaan-3 Moon Landing: भारत एवं दुनिया के लिए आज ऐतिहासिक दिन है। चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) आज शाम 6:04 बजे चांद पर लैंड करेगा। चंद्रमा (Moon) पर चंद्रयान -3 Chandrayaan-3 के उतरने से दो घंटे पहले लैंडर मॉड्यूल की स्थिति और चंद्रमा (Moon) पर स्थितियों के आधार पर यह तय होगा कि उस समय उतरना उचित होगा या नहीं। कोई भी फैक्टर निर्धारित पैमाने पर नहीं रहा तो लैंडिंग 27 अगस्त को कराई जाएगी।

बता दें सबकुछ ठीक रहा तो चंद्रयान-3 Chandrayaan 3 आज शाम चंद्रमा (Moon) के साउथ पोल कर लैंड कर जाएगा। इसे 14 जुलाई को 3:35 बजे पर आंध्रप्रदेश (Andhra Pradesh) के श्रीहरिकोटा (Sriharikota) से लांच किया गया था। लैंडिंग होते यह 41 दिनों में 3.84 लाख किलोमीटर का सफर तय कर नया इतिहास लिख देगा।

लैंडर (lander) के चांद पर उतरते रैंप खुलेगा और प्रज्ञान रोवर इससे चांद (Moon) की सतह पर आ जाएगा। विक्रम लैंडर (Vikram Lander) और प्रज्ञान एक-दूसरे की तस्वीर लेंगे और पृथ्वी पर भेजेंगे। अगर, भारत मिशन में सफल रहा तो चांद के साउथ पोल (Chand South Pole) पर उतरने वाला पहला देश होगा। इसरो (ISRO) के बेंगलुरु (Bangalore) स्थित टेलीमेट्री एंड कमांड सेंटर (इस्ट्रैक) के मिशन ऑपरेशन कॉम्प्लैक्स (मॉक्स) में 50 से अधिक विज्ञानी कंप्यूटर पर चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) से मिल रहे आंकड़ों की रात भर जांच-पड़ताल में जुटे रहे। वे लैंडर (Lander) को इनपुट भेज रहे हैं, ताकि लैंडिंग के समय गलत फैसला लेने की गुंजाइश खत्म हो जाए।

हर परस्थिति में लैंड करेगा विक्रम: इसरो चेयरमैन
इसरो वैज्ञानिक बेंगलुरु स्थित ​​​​इसरो टेलिमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (इस्ट्रैक) और ब्यालालू गांव स्थित इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क पर मिल रहे डेटा के अतिरिक्त यूरोपियन स्पेस एजेंसी के जर्मनी स्थित स्टेशन, ऑस्ट्रेलिया और नासा (NASA) के डीप स्पेस नेटवर्क से रियल टाइम डाटा लेकर वेरिफिकेशन कर रहे हैं। इसरो चेयरमैन एस सोमनाथ (ISRO Chairman S Somnath) ने 9 अगस्त को विक्रम की लैंडिंग को लेकर कहा था- सब कुछ फेल होता है। अगर सभी सेंसर फेल होते हैं, कुछ भी काम नहीं करता है, फिर भी विक्रम लैंड करेगा। बशर्ते एल्गोरिदम ठीक से काम कर रहा हो।

हमने सुनिश्चित किया है कि इस बार विक्रम के दो इंजन काम नहीं करेंगे, तब भी लैंड करने में सक्षम होगा। उन्होंने बताया कि चंद्रयान-3 के आखिरी 19 मिनट सांसें रोकने वाले होंगे। लैंडिंग शुरू होते समय गति 6048 किमी प्रति घंटा होगी। चांद को छूते समय यह 10 किमी प्रति घंटे से भी कम होगी। उतरने के लिए स्थान का चुनाव ISRO कमांड सेंटर से नहीं होगा। लैंडर अपने कंप्यूटर से जगह का चुनाव करेगा।

PM Modi वर्चुअली जुड़ेंगे
चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) की लैंडिंग का लाइव इवेंट शाम 5:20 बजे से शुरू हो जाएगा। इवेंट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) साउथ अफ्रीका से वर्चुअली जुड़ेंगे। इस मिशन की सफलता के लिए देश ही नहीं, बल्कि विदेश में भी में जगह-जगह पर हवन कराए जा रहे हैं। बता दें चंद्रयान का दूसरा और फाइनल डीबूस्टिंग ऑपरेशन रविवार रात 1:50 बजे हुआ था। इसके बाद लैंडर की चंद्रमा से न्यूनतम दूरी 25 किलोमीटर और अधिकतम दूरी 134 किलोमीटर थी। डीबूस्टिंग में स्पेसक्राफ्ट की गति को धीमा किया जाता है।

चंद्रयान-3 के लैंडिंग के चार फेज होंगे

  1. रफ ब्रेकिंग फेज: इस समय लैंडर लैंडिंग साइट से 750 किलोमीटर दूर होगा। गति 1.6 Km/sec रहेगी। यह फेज 690 सेकंड तक चलेगा। इस दौरान विक्रम के सभी सेंसर्स कैलिब्रेट होंगे। 690 सेकेंड में हॉरिजॉन्टल स्पीड 358 m/sec और नीचे की तरफ 61 m/sec होगी।
  2. एल्टिट्यूड होल्ड फेज : विक्रम चांद की सतह की तस्वीर लेगा। फिर पहले से मौजूद तस्वीरों के साथ तुलना करेगा। चंद्रयान-2 के समय में ये फेज 38 सेकंड था। अब इसे 10 सेकंड का किया गया है। इस दौरान हॉरिजॉन्टल वेलॉसिटी 336 m/s और वर्टिकल वेलॉसिटी 59 m/s रह जाएगी।
  3. फाइन ब्रेकिंग फेज: ये फेज 175 सेकंड तक चलेगा। इसमें स्पीड 0 पर आ जाएगी। लैंडर की पोजिशन पूरी तरह से वर्टिकल होगी। सतह से ऊंचाई 800 मीटर से 1300 मीटर में होगी। विक्रम के सेंसर चालू किए जाएंगे और हाइट नापी जाएगी। फिर से फोटोज लिए जाएंगे और तुलना की जाएगी।

4.टर्मिनल डिसेंट फेज: अगले 131 सेकंड में लैंडर सतह से 150 मीटर ऊपर आएगा। लैंडर पर लगा हैजर्ड डिटेक्शन कैमरा सतह की तस्वीरें लेगा। विक्रम पर लगा हैजर्ड डिटेक्शन कैमरा गो-नो-गो टेस्ट रन करेगा। अगर, सबकुछ ठीक रह तो विक्रम 73 सेकेंड में चांद पर उतरेगा। नो-गो की कंडीशन रही तो 150 मीटर आगे जाकर रुकेगा। फिर से सतह चेक करेगा और सब कुछ सही रहा तो लैंड करेगा।

चंद्रयान-3 की लैंडिंग के बाद क्या होगा
डस्ट सेटल होने के बाद विक्रम चालू हो जाएगा और कम्युनिकेट करना शुरू करेगा। फिर रैंप खुलेगा और प्रज्ञान रोवर रैंप से चांद की सतह पर जाएगा। पहिए चांद की मिट्‌टी पर अशोक स्तंभ और इसरो लोगो की छाप छोड़ देंगे। विक्रम लैंडर प्रज्ञान की फोटो खींचेगा और प्रज्ञान विक्रम की। इन फोटोज को पृथ्वी पर सेंड किया जाएगा

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