Chandra Grahan 2022 Sutak Timing: चंद्र ग्रहण के बहुत महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है और धार्मिक दृष्टि से भी इसका विशेष महत्व है. चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है और इस दौरान भूलकर भी शुभ कार्य नहीं किया जाता. (chandra grahan 2022 kab hai) इसके साथ ही कुछ विशेष प्रकार की सावधानियां भी बरतनी चाहिए. कल यानि 8 नवंबर को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है और सबसे खास बात है कि यह ग्रहण भारत के भी कई राज्यों में नजर आएगा. ऐसे सूतक काल के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है. आइए जानते हैं भारत में कहां-कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण और कब लगेगा सूतक काल?
कल कार्तिक पूर्णिमा और देव दिवाली (8 नवंबर) की शाम 4.23 बजे से अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखने लगेगा। देश के पूर्वी हिस्से के अलावा बाकी शहरों में आंशिक चंद्र ग्रहण दिखेगा, जो कि 6.19 बजे खत्म होगा। इसके बाद उपच्छाया चंद्र ग्रहण शुरू होगा और ये 7.26 बजे तक रहेगा।
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के मुताबिक 2022 से पहले सूर्य और चंद्र ग्रहण का ऐसा योग 2012 और उससे पहले 1994 में बना था। 2012 में 13 नवंबर को दिवाली पर सूर्य ग्रहण और 28 नवंबर को देव दिवाली पर चंद्र ग्रहण हुआ था। 1994 में 3 नवंबर को दिवाली पर सूर्य ग्रहण और 18 नवंबर को देव दिवाली पर चंद्र ग्रहण हुए थे। अब ऐसा संयोग 18 साल बाद बनेगा। 2040 में 4 नवंबर को दिवाली पर आंशिक सूर्य ग्रहण (भारत में नहीं दिखेगा) और 18 नवंबर को देव दिवाली पर पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, ये ग्रहण भारत में दिखेगा।
उज्जैन की जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्र गुप्त के मुताबिक चंद्र ग्रहण भारत में दोपहर 2.38 बजे शुरू होगा। देश के पूर्वी भाग कोलकाता, कोहिमा, पटना, पुरी, रांची, ईटानगर के आसपास के शहरों में पूर्ण चंद्र ग्रहण और शेष भारत में आंशिक चंद्र ग्रहण दिखेगा। जहां पूर्ण ग्रहण रहेगा, वहां चंद्रमा लाल दिखाई देगा।
2023 में कब-कब होंगे सूर्य-चंद्र ग्रहण
अगले साल 20 अप्रैल को सूर्य ग्रहण होगा। 5 मई 2023 को उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा, इसकी धार्मिक मान्यता नहीं है। 14 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण होगा। ये तीनों ग्रहण भारत में नहीं दिखेंगे। 28 अक्टूबर को आंशिक चंद्र ग्रहण रहेगा। ये देश में दिखेगा। चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण शुरू होने से नौ घंटे पहले सुबह 5.38 बजे से शुरू हो जाएगा। शाम को 6.19 बजे ग्रहण खत्म होने के साथ ही सूतक भी खत्म हो जाएगा। सूतक और ग्रहण के समय पूजा-पाठ नहीं की जाती है। इस दौरान मंत्र जप और दान-पुण्य करने का महत्व सबसे ज्यादा है।