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चमोली ग्लेशियर हादसा: 14 शव बरामद , 152 अभी भी लापता, तपोवन बांध हुआ तबाह

चमोली ग्लेशियर हादसा। उत्तराखंड के चमोली में रविवार को रौठी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटकर गिरने से हुई त्रासदी में 14 शव बरामद कर लिए हैं और 152 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। इस आपदा से ऋषि गंगा नदी में विकराल बाढ़ आ गई और भारी तबाही मची है।

ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट को हुआ नुकसान

रौठी ग्लेशियर की त्रासदी से ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट और एनटीपीसी प्रोजेक्ट को भारी नुकसान हुआ है। इस प्रोजेक्ट के काम में लगे हुए करीब 100 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। रविवार रात को अंधेरा होने पर कार्य बंद किया गया और सोमवार सुबह एक बार फिर से बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। भारतीय वायुसेना के मुताबिक आपदा प्रबंधन टीम के साथ MI-17 और एएलएच हेलीकॉप्टर देहरादून से जोशीमठ के लिए रवाना हो चुके हैं।

रेणी गांव के पास हुआ हादसा

बचाव कार्य में सेना के 100, आईटीबीपी के 315, एनडीआरएफ के 250 जवानों सहित कई अन्य जवान भी लगे हुए हैं। एसडीआरएफ केअनुसार ग्लेशियर टूटने की घटना रविवार सुबह 10 बजकर 50 मिनट पर जोशीमठ से करीब 15 किमी की दूरी पर स्थित रेणी गांव के पास हुई। ग्लेशियर के टूटने से ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को काफी नुकसान हुआ है। एसडीआरएफ की पांच टीमों को तत्काल जोशीमठ रवाना किया गया और श्रीनगर, ऋषिकेश, जोशीमठ में टीमों को अलर्ट स्थिति में रखा गया। रैणी गांव के पास बीआरओ का करीब 90 मीटर लंबा पुल भी आपदा में बह गया।

तपोवन बांध हुआ तबाह

भारतीय वायुसेना ने हवाई निरीक्षण के बाद बताया कि हादसे में तपोवन बांध पूरी तरह बह गया है। रिपोर्ट के मुताबिक मलारी वैली और तपोवन के प्रवेश पर दो पुल भी हादसे में बह गए हैं। हालांकि, जोशीमठ से तपोवन के बीच की मुख्य सड़क सुरक्षित है। ऋषिगंगा प्रोजेक्ट की ढाई सौ मीटर लंबी सुरंग में अभी भी 30 से अधिक लोगों के फंसे होने की संभावना है।

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