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Chaitra Navratri 2023 1st Day: नवरात्रि के पहले दिन करें मां शैलपुत्री की आराधना, जानें पूजन-विधि

Chaitra Navratri 2023 1st Day: नवरात्रि के पहले दिन करें मां शैलपुत्री की आराधना, जानें पूजन-विधि

Chaitra Navratri 2023 Maa Shailputri Puja Vidhi: देश में आज माता के भक्तो के लिए उनका त्यौहार चैत्र नवरात्रि आज से प्रारंभ हो गया है।

आज के दिन से नवरात्रि शुरू हो गए हैं। चैत्र नवरात्रि के शुरू होते ही अगले 9 दिनों तक घर और मंदिरों में मां दुर्गा की पूजा-उपासना और मंत्रों की गूंज सुनाई देने लगेगी। हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि शुरू हो जाते हैं।

नवरात्रि का पर्व मां दुर्गा की आराधना और फल पाने का सबसे बढ़िया दिन होता है। चैत्र नवरात्रि के शुरू होते ही हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2080 भी शुरू हो जाएगा। इसी के साथ पूरे महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा का त्योहार भी धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना करते हुए मां दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की उपासना की जाती है।

बतादें कि यह सब देखकर सती का ह्रदय ग्लानि और क्रोध से संतप्त हो उठा। उन्होंने सोचा कि भगवान शंकर जी की बात न मानकर यहां आकर मैंने बहुत बड़ी गलती की है। वह अपने पति भगवान शिव के इस अपमान को सहन न कर सकीं,उन्होंने अपने उस रूप को तत्काल वहीं योगाग्नि द्वारा जलाकर भस्म कर दिया।

वज्रपात के समान इस दारुणं-दुखद घटना को सुनकर शंकर जी ने क्रुद्ध हो अपने गणों को भेजकर दक्ष के उस यज्ञ का पूर्णतः विध्वंस करा दिया। सती ने योगाग्नि द्वारा अपने शरीर को भस्म कर अगले जन्म में शैलराज हिमालय की पुत्री के रूप में जन्म लिया। इस बार वह शैलपुत्री नाम से विख्यात हुईं। पार्वती,हेमवती भी उन्हीं के नाम हैं। इस जन्म में भी शैलपुत्री देवी का विवाह भी शंकर जी से ही हुआ।

मां दुर्गा की प्रतिमा या फोटो को स्थापित करें

  • चैत्र नवरात्री के दिन सूर्योदय से पहले उठ कर स्नान आदि से निवृत होकर साफ़ कपड़े पहने इसके बाद चौकी को
  • गंगाजल से साफ करके मां दुर्गा की प्रतिमा या फोटो को स्थापित करें.
  • इसके बाद कलश स्थापना करें नवरात्री में कलश के उपर कलावा बांधे और उपर आम और अशोक के पत्ते रखे.
  • ये बहुत ही शुभ रहता है और मां शैलपुत्री का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें.
  • इसके बाद माता को रोली-चावल लगाएं और सफेद फूल मां को चढ़ाएं.
  • सफेद वस्त्र मां को अर्पित करें. मां के सामने धूप, दीप जलाएं और मां की देसी घी के दीपक से आरती उतारें.
  • माता शैलपुत्री की पूजा में सभी नदियों , तीर्थो का आह्वान किया जाता है.
  • नवरात्री के पहले दिन से लेकर आखिरी दिन तक हर रोज़ घर में कपूर जलाना चाहिए ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मकता का नाश होगा.

मां को कैसे लगाएं भोग

मां शैलपुत्री को शुद्ध देसी घी के हलवे का भोग लगाए आपको निरोग्य काया का वरदान मिलेगा.मां शैलपुत्री देवी पार्वती का ही स्वरूप हैं जो सहज भाव से पूजन करने से शीघ्र प्रसन्न हो जाती हैं और भक्तों को मनोवांछित फल प्रदान करती हैं। मन विचलित होता हो और आत्मबल में कमी हो तो मां शैलपुत्री की आराधना करने से लाभ मिलता हैं।

मां शैलपुत्री का स्तवन मंत्र
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥

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