मुंबई । एंटीलिया केस में सीबीआई ने एक और खुलासा किया है। सीबीआई की चार्जशीट में कहा गया है कि मनसुख हिरेन को मारने लिए सजिशकर्ता सचिन वाजे द्वारा पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को बड़ी रकम का भुगतान किया गया था और शर्मा ने अपने साथी संतोष के साथ मनसुख को एक योजना के तहत मार डाला।
बैठक में बुनी गई साजिश
चार्जशीट में बताया कि हिरेन की मौत से दो दिन पहले वाजे ने एक बैठक बुलाई थी जिसमें पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा के साथ एक और पुलिसवाला सुनील माने शामिल हुए ताकि दोनों को यह पता चले कि मनसुख कैसा दिखता है। इसके बाद काम को प्रदीप शर्मा को सौंपा गया। फिर आरोपी संतोष शेलार को शर्मा ने फोन किया और हत्या के बदले नगद पैसे की बात कही। इसके बाद आरोपी संतोष ने काम के लिए हां बोल दिया। चार्जशीट में सामने आया कि कार हिरेन की थी जो वाजे ने उधार ली थी। लेकिन घटना के कुछ हफ्ते पहले उसके पास वापस आ गई थी।
हत्या के लिए जी भारी-भरकम राशि
चार्जशीट में कहा गया है कि 3 मार्च को वाजे ने शर्मा से मुलाकात की और एक बैग में भारी मात्रा में नकदी सौंपी। नगदी में ज्यादातर 500 रुपये के नोट के बंडल थे। बताया गया है कि नकद राशि मिलने करने के बाद शर्मा ने शेलार को फोन किया और गाड़ी का पूरा हाल बताया, जिसका इस्तेमाल वह हिरेन को मारने और उसके मृत शरीर को ठिकाने लगाने के लिए करना चाहता था। पूरी जानकारी मिलने के बाद माने ने हिरेन को उठाया और शेलार को सौंप दिया। शेलार, मनीष सोनी, सतीश मोथुकारी और आनंद जाधव के साथ गाड़ी में इंतजार कर रहा था। यहां हिरेन की गला घोंटकर हत्या कर दी गई। चारों ने मिलकर ने हिरेन के शव को नाले में फेंक दिया।