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गूगल और मेटा के लिए कनाडा बना रहा कानून, साझा करनी होगी कमाई

नई दिल्ली। फेसबुक की मालिकाना कंपनी मेटा और गूगल द्वारा समाचार प्रकाशकों के कंटेंट का उपयोग कर कमाए राजस्व में प्रकाशकों को उनका हिस्सा देने के लिए आॅस्ट्रेलिया की तरह अब कनाडा भी कानून ला रहा है। इसके लिए आॅनलाइन न्यूज एक्ट बनाया जा रहा है। यह लागू होने पर टेक कंपनियों को समाचार प्रकाशकों से राजस्व साझा करना होगा।

फ्रांस, यूरोपीय यूनियन के कई देश अमेरिका और ब्रिटेन भी ऐसा कानून बना रहे हैं। भारत में प्रमुख समाचार पत्रों और डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन (डीएनपीए) ने गूगल के एकाधिकार के खिलाफ भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के समक्ष यह मामला रखा है। आयोग ने इस पर जांच शुरू करवाई है।

सीसीआई में मामले रखने वालों में सभी प्रमुख भारतीय समाचार प्रकाशक शामिल हैं। इनमें अमर उजाला, जागरण न्यू मीडिया, दैनिक भास्कर, इंडिया टुडे, हिंदुस्तान टाइम्स, इंडियन एक्सप्रेस, टाइम्स आॅफ इंडिया, इनाडु, मलयालम मनोरमा, एबीपी नेटवर्क, जी मीडिया, मातृभूमि, हिंदू, एनडीटीवी, लोकमत, एक्सप्रेस आदि प्रमुख हैं।

भारत में सीसीआई करवा रहा गूगल की जांच

सीसीआई ने शिकायत मिलने पर सात जनवरी को महानिदेशक को जांच के आदेश दिए थे। आयोग में बताया गया कि न्यूज वेबसाइटों का करीब 50% ट्रैफिक गूगल से आता है। उसने एल्गोरिथम से सर्च परिणाम में तय करना शुरू कर दिया है कि कौन सी वेबसाइट पहले नजर आएगी व कौन सी बाद में। यह स्वतंत्र प्रतिस्पर्धा के नियमों का उल्लंघन है। डिजिटल विज्ञापनों में भी वह सबसे बड़ा हिस्सेदार है। प्रकाशकों के पेज पर आए विज्ञापनों की कीमत वही तय कर रहा है। प्रकाशकों के कंटेंट के लिए जो यूजर्स इंटरनेट पर आते हैं, उनसे हासिल विज्ञापनों में भी बड़ा हिस्सा गूगल रखता है।

कनाडा में बन रहे कानून में यह होगा

आॅनलाइन प्लेटफॉर्म पर गूगल की एकाधिकारवादी नीतियों का विरोध पूरे विश्व में हो रहा है। कनाडा नए कानून से प्रमुख टेक कंपनियों को समाचार प्रकाशकों से वार्ता कर राजस्व में हिस्सा देने को बाध्य करने जा रहा है। इस वार्ता में विवाद हुए तो यहां का रेडियो-टेलीविजन एंड टेलीकम्युनिकेशन रेगुलेटर मध्यस्थता और निर्णय करेगा।

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