झाबुआ। विश्व विकलांग दिवस के अवसर पर माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झाबुआ में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम 1987 एवं नालसा मानसिक रूप से बीमार और मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए विधिक सेवाऐं योजना-2015 के संबंध में आयोजित किया गया था।
सोलंकी ने कहा कि मानसिक रूप से अशक्त व्यक्ति मानसिक विकारों के कारण पीड़ित है। मानसिक रूप से बीमार एवं मानसिक अशक्तता से ग्रस्त व्यक्तिं का मानव अधिकार एवं मौलिक अधिकार है उनकी सुरक्षा किया जाना आवश्यक है। जिससे वह अपने मानव अधिकार एवं मौलिक अधिकार का लाभ ले सके। मानसिक रूप से बीमार एवं अशक्त व्यक्तियों की मानव गरिमा की भी सुरक्षा किया जाना आवश्यक है और उनके साथ मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति के कारण भेदभाव नहीं किया जा सकता बल्कि उनके साथ अत्यंत संवेदना एवं सुरक्षा, देखभाल अच्छा व्यवहार किया जाना चाहिए। भारतीय संविधान में स्वास्थ्य की देखरेख का अधिकार सभी व्यक्तियों पर समान रूप से लागू होता है और मानसिक बीमार व्यक्ति जानकारी के अभाव में उपेक्षा अथवा अंध विश्वास या साधनों के अभाव में उपचार प्राप्त करने से वंचित रह जाते है। उक्त शिविर में मरीजों को बिस्किट एवं फलों का वितरण किया गया। शिविर में दीप्ति जी, मनोज जी, बशीर जी एवं स्टॉप उपस्थित रहें।
अर्चित अरविन्द डांगी { मध्यप्रदेश, रतलाम }