अशोकनगर। अशोकनगर में पहले एक-एक कुंभकार दीपोत्सव के लिए एक से सवा लाख दियों का निर्माण करते थे पर अब मिट्टी के दियों की बिक्री बहुत ही काम हो गई है। लेकिन इस बार दिवाली से दिया निर्माताओं को काफी उम्मीदे भी दिखाई दे रही है।
वर्तमान में अशोकनगर में ज्यादातर दीया निर्माण का काम करने वाले लोगों का कहना है कि इस समय चाइनीज दीयों की मांग ज्यादा है इस कारण उनके व्यापार पर असर पड़ रहा है। इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि दिया बनाने के लिए मिट्टी आसानी से नहीं मिल पाती है। निर्माण में लागत अधिक होने के कारण हमारे दीयों की कीमत चायनीज दीपकों से अधिक होती है। यही कारण है कि अब ज्यादातर लोग बाहर से रेडिमेड दीये लाकर बेंच रहे हैं।
करीब 50 साल से दीपक निर्माण कर उनका विक्रय करने वाले लालाराम प्रजापति का कहना हैं कि वे दिए बनने के लिए मिट्टी बड़ी मुश्किल से लाए हैं, यदि सरकार उनके धंधों को बचाना चाहती है, तो उनके लिए वे सुविधाएं उपलब्ध करवाने की मांग कर रहे है जिससे सरकार की वोकल फॉर लोकल नीति सफल हो सके।
अशोकनगर से मृदुभाषी के लिए विवेक शर्मा की रिपोर्ट।