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Budget 2022- लंबे निवेश पर बड़ी राहत, सरचार्ज 15 फीसदी तक सीमित किया


सरकार ने शेयर बाजार, म्‍यूचुअल फंड, सोने-चांदी या अन्‍य संपत्तियों में निवेश पर लगने वाले सरचार्ज में राहत दी है। अभी तक इस तरह के निवेश से मिलने वाले लांग टर्म कैपिटल गेन (एलटीसीजी) पर 10 फीसदी टैक्‍स लगाने के साथ इनकम टैक्स स्लैब  के हिसाब से सरचार्ज भी वसूला रहा जाता है। इसका मतलब है कि अगर आप 30 फीसदी टैक्‍स स्‍लैब में आते हैं, तो एलटीसीजी टैक्‍स के रूप में दी जाने वाली रकम पर 30 फीसदी सरचार्ज का भी भुगतान करना होगा। अब इसे 15 फीसदी तक सीमित कर दिया गया है। यानी आपका स्‍लैब कितना भी हो सरचार्ज इससे ज्‍यादा नहीं देना होगा।

मोबाइल की तरह रोजमर्रा के जीवन में इस्तेमाल होगा ड्रोन

सरकार की योजना मोबाइल, कम्प्यूटर और इंटरनेट की तरह अब ड्रोन को भी जरूरी बनाना है। इसकी घोषणा बजट में की गई है। जल्‍द ही ड्रोन का इस्‍तेमाल रोजमर्रा के जीवन में हर जगह किया जा सकेगा। ड्रोन को बढ़ावा देने के लिए अलग आॅफिस बनाया जाएगा। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इसकी तैयारी कर ली है। इसका इस्‍तेमाल जवान से लेकर किसान करेंगे। यानी सीमाओं की सुरक्षा से लेकर खेतों में फसलों की सुरक्षा तक के लिए ड्रोन इस्‍तेमाल किया जा सकेगा। इंडस्‍ट्री से लेकर आपदा प्रबंधन में इसका इस्‍तेमाल किया जा सकेगा।

इलेक्ट्रिक गाड़ी की बैटरी चार्ज करने का झंझट खत्म

अगर आप इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदना चाहते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। इस बजट में सरकार ने बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी का ऐलान किया है। इसके तहत अब लोगों का गाड़ी की बैटरी चार्ज करने का झंझट खत्म हो जाएगा। इलेक्ट्रिक गाड़ियों में बैटरी चेंज करने की छूट दी जाएगी। यानी किसी चार्जिंग स्टेशन पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ऐसे में बैटरी गाड़ी का एक अलग पार्ट हो जाएगा। इससे गाड़ी की कीमत में भी कमी आएगी। सरकार इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देना चाहती है।

टेली मेंटल हेल्थ प्रोग्राम, मानसिक बीमारियां दूर होंगी

वित्तमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण देश में मानसिक बीमारियां बढ़ी हैं। आज मानसिक समस्याओं से हर उम्र के लोगों को जूझना पड़ रहा है। अच्छी मानसिक स्वास्थ्य परामर्श और देखभाल सेवाओं तक बेहतर पहुंच के लिए एक राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। इसमें उत्कृष्टता के 23 टेली मानसिक स्वास्थ्य केंद्रों का एक नेटवर्क शामिल होगा, जिसमें निमहंस नोडल केंद्र होंगे और आईआईटी बैंगलोर तकनीकी सहायता प्रदान करेगा।

जनता की सेहत का ख्याल, स्वास्थ्य बजट 135 फीसदी बढ़ा

वित्तमंत्री ने आत्मनिर्भर स्वास्थ्य योजना का तोहफा देते हुए स्वास्थ्य बजट में 135 प्रतिशत का इजाफा करने का ऐलान किया है। इसे 94 हजार से बढ़ा कर 2.38 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया है। इसके साथ ही केंद्र सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में अगले 6 सालों में करीब 61 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। वित्तमंत्री ने केंद्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि हम कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन की लहर के बीच में हैं। इससे निपटने में हमारे टीकाकरण अभियान की गति ने बहुत मदद की है। पिछले दो वर्षों में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में तेजी से सुधार के साथ, हम चुनौतियों का सामना करने की मजबूत स्थिति में हैं।

इन बातों से हुई निराशा

दो साल तक रिवाइज आईटीआर भरने का सभी को मौका नहीं

वित्तमंत्री ने जब टैक्‍सपेयर्स को दो साल तक रिवाइज इनकम टैक्स रिटर्न भरने की छूट दी तो लगा सभी करदाताओं को इसका लाभ मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं है और सरकार ने इसका लाभ उठाने के लिए कुछ शर्त लगा दी हैं। वित्तमंत्री ने बजट में कहा कि अगर किसी भी वजह से आईटीआर में कोई गलती हो गई है अथवा टैक्‍स चुकाने में फेल हो गए हों तो करदाता अगले दो वित्तवर्ष तक रिवाइज आईटीआर भर सकते हैं। इसके तहत उन्‍हें टैक्‍स पर ब्‍याज के रूप में 25 से 50 फीसदी तक अतिरिक्‍त भुगतान करना होगा।

ये हैं शर्तें:

-अगर करदाता की इनकम लॉस में जा रही है तो वह रिवाइज आईटीआर नहीं भर सकता।
-टैक्‍स देनदारी पहले से कम होने पर भी यह सुविधा नहीं मिलेगी।
-किसी टैक्‍सपेयर का रिफंड रिवाइज आईटीआर में बढ़ रहा है तो भी उसे यह सुविधा नहीं दी जाएगी।
-किसी करदाता के खिलाफ विभाग ने स्‍क्रूटनी शुरू की हो तो उसे नई सुविधा से बाहर रखा जाएगा।
-रेड या अन्‍य सर्च में अघोषित आय उजागर होने पर भी करदाता रिवाइज आईटीआर नहीं भर सकेगा।

नहीं बढ़ी पीएम किसान योजना की रकम, एमएसपी पर भी कोरा वादा

किसानों के लिए यह बजट ज्‍यादा खुशियां लेकर नहीं आया है। बजट में ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई हैं जिससे किसानों को फौरी तौर पर कोई राहत मिले। न ही प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि योजना में मिलने वाली राशि को बढ़ाया गया है और न ही न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (एमएसपी) को लेकर कोई ठोस कदम बजट में उठाया गया है। बजट में किसानों को डिजिटल और हाईटेक बनाने के लिए पीपीपी मोड में नई योजनाएं शुरू करने, जीरो बजट खेती और आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने, मूल्य संवर्धन और प्रबंधन पर जोर देने की बात कही गई हैं, लेकिन, किसानों की अहम मांगों के बारे में बजट में कुछ नहीं कहा गया है।

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