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कारगिल युद्ध में पाक को शिकस्त देने वाला हथियार तैनात हुआ चीन सीमा पर

नई दिल्ली। भारत ने अरुणाचल प्रदेश में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पास बोफोर्स तोपें तैनात कर दी हैं। भारत ने अरुणाचल के सीमावर्ती इलाकों में बोफोर्स तोप को तैनात करने का यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब पूर्वी लद्दाख के इलाके में चीन के साथ पिछले कई महीनों से गतिरोध जारी है। बताया जा रहा है कि यह बोफोर्स तोप अरुणाचल प्रदेश में चीन से लगे अग्रिम चौकियों पर तैनात किये गये हैं।

अरुणाचल प्रदेश में बोफोर्स तैनात

मीडिया रिपोर्ट में बताया है कि भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश में चीन से लगी सीमा पर अपनी निगरानी बढ़ा दी है। चीन की किसी भी चालबाजी का किसी भी समय मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सेना ने अपनी पूरी तैयारी कर ली है। इसके तहत एलएसी पर अग्रिम इलाकों में बोफोर्स तोपों की तैनाती की गई है। न्यूज एजेंसी आएएनएस ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि सेना ने विमानन विंग के एयर फायर पावर को भी मजबूत किया है।

27 किलोमीटर की दूरी तक कर सकती है मार

बोफोर्स तोपों के बारे में याद दिला दें कि यह वही तोपें हैं जिन्होंने करगिल युद्ध में पाकिस्तान को धूल चटाई थी। बोफोर्स तोपें 27 किलोमीटर की दूरी तक गोले दाग सकती हैं। बोफोर्स तोप की गिनती दुनिया के सबसे घातक तोपों में होती है। हल्के वजन के कारण इसे युद्धभूमि में कही भी तैनात करना और यहां-वहां ले जाना आसान होता है। यह तोप एक मिनट में 10 गोले दागने की ताकत रखती है। तोप की सबसे बड़ी खासियत इसे -3 डिग्री से लेकर 70 डिग्री के ऊंचे कोण तक फायर करने की है। इस खासियत से यह तोप पहाड़ी इलाकों में बहुत उपयोगी साबित होता है।

ऊंचाई पर दुश्मनों से निपटने दिया प्रशिक्षण

भारतीय आर्मी ने एलएसी के पास स्थित पहाड़ों पर अपग्रेडेड एल 70 एंटी-एयरक्राफ्ट गन भी तैनात किए हैं। इसके अलावा तीन साल पहले भारतीय सेना में शामिल किए गए एम-777 होवित्जर गनों को भी तैनात किया गया है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर किसी भी दुश्मन से निपटने के लिए आर्मी यूनिट्स को प्रशिक्षण दिया गया है और जवान हर रोज यहां मिलिट्री ड्रील भी कर रहे हैं। यह ड्रील इंटिग्रेटेड डिफेंडेड इलाके में किया जा रहा है। यह वो इलाका होता है जहां आर्मी और एयर डिफेंस के कई घातक हथियार मौजूद होते हैं।

आधुनिक हथियारों से लैस जवान

मिलिट्री अधिकारियों ने कहा कि अपग्रेडेड एल 70 गनों को अरुणाचल प्रदेश के कई अहम जगहों पर दो-तीन महीने पहले ही तैनात कर दिये गये हैं। इन हथियारों की खासियत यह है कि इसे आसानी से एक जगह से दूसरे जगह तक ले जाया जा सकता है। इन हथियारों में आॅटोमैटिक तरीके से अपने टारगेट पर निशाना लगाने की खासियत है। इसके अलावा यह सभी तरह के मौसम में मोर्चे पर डटकर दुश्मनों को जवाब देने में सक्षम है।

अरुणाचल को लेकर पुराना विवाद

अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन से भारत का विवाद पुराना है। चीन अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत का हिस्सा मानता है और उसपर अपना हक जताता है। भारत, चीन के इस बात का लगातार विरोध करता रहा है और अरुणचल प्रदेश को भारत का अभिन्न हिस्सा बताता रहा है। हाल ही में जब देश के उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया था तब चीन ने उसपर ऐतराज जताया था। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि वो अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी है। भारत ने चीन के इस बयान की कड़ी निंदा की थी।

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