पटना। शराबबंदी वाले बिहार में अवैध शराब के अड्डों को ढूंढने के लिए राज्य सरकार नए-नए तरीके ढूंढ रही है। पहले पुलिस का उड़नदस्ता था, फिर ड्रोन से सर्वे करके अवैध शराब कारोबारियों को पकड़ने का सिलसिला चला। अब सरकार ने ब्रिटेन-अमेरिका की तर्ज पर अपराधियों को तलाशने के लिए हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।
अभियान के तहत मंगलवार को हेलिकॉप्टर से पहली बार सर्वे करके अवैध शराब कारोबारियों पर नकेल कसी गई। मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग के अधिकारियों ने पटना से बाढ़ तक हेलिकॉप्टर से गंगा किनारे के इलाकों का एरियल सर्वे 5 अवैध शराब अड्डे ढूंढ निकाले। अधिकारियों ने इसकी सूचना संबंधित पुलिस और उत्पाद अधिकारियों को दे दी है। अब आगे की कार्रवाई ये अधिकारी करेंगे। इसका वीडियो भी विभाग ने जारी किया है।
हर दिन 6 से 7 घंटे चलेगा ऑपरेशन
अब पूरे बिहार में हेलिकॉप्टर की मदद से शराब के अवैध ठिकानों को खोजा जाएगा, फिर पुलिस और अधिकारियों को सूचना दी जाएगी और उन्हें ध्वस्त किया जाएगा। मद्य निषेध विभाग ने जो योजना बनाई है, उसके मुताबिक बक्सर से कटिहार तक गंगा नदी और 11 इलाकों में लगातार सर्वे किया जाएगा। हेलिकॉप्टर में पायलट के साथ 5 लोग बैठ सकते हैं।
यह हेलिकॉप्टर हर दिन 6 से 7 घंटे तक लगातार ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है। इसकी उड़ान का हर घंटे का खर्च करीब 75 हजार से एक लाख रुपए तक आएगा। एरियल सर्वे के दौरान उत्पाद विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ इंजीनियर और सपोर्ट डिटेक्शन एक्सपर्ट भी मौजूद रहेंगे। सपोर्ट डिटेक्शन एक्सपोर्ट इलाके की पहचान कर जगह चिन्हित करेंगे। मंगलवार को हेलिकॉप्टर ने एक घंटे से ज्यादा की उड़ान भरी थी।
5 माह में जहरीली शराब से 57 लोगों की मौत
शराबबंदी के बाद भी बिहार में जहरीली शराब पीने से लोग लगातार जान गंवा रहे हैं। पिछले साल नवंबर में बेतिया में नौतन प्रखंड के दक्षिणी तेल्हुआ गांव में जहरीली शराब से 16 लोगों की मौत हुई थी। इसी वक्त गोपालगंज में भी जहरीली शराब पीने से 18 लोगों की जान चली गई।
वहीं, दिसंबर में 9 लोगों की मौत हो गई। इधर, नए साल 2022 में भी जहरीली शराब का कहर जारी रहा। जनवरी के पहले ही दिन नालंदा में 14 लोगों की मौत हो गई। वहीं, नवंबर में विधानसभा परिसर में शराब की खाली बोतलें भी मिली थी।