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बैरसिया गायों की मौत का मामला, गायों के स्वास्थ्य की जांच के लिए मेडिकल कैंप लगाया

भोपाल। भोपाल के बैरासिया में रविवार को एक निजी गोशाला में 100 से ज्यादा गायों के शव और कंकाल मिलने का मामला गरमा गया है। इस मामले में कांग्रेस भाजपा पर हमलावर हो रही है। वहीं, अब सरकार ने मामले की न्यायिक जांच कराने के आदेश दिए हैं। सोमवार को गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि यह एक निजी गोशाला है। 9 गायों का पीएम कराया गया। इसमें 6 गाय बुजुर्ग होने, 2 की निमोनिया होने से मौत का कारण सामने आया है। प्रशासन ने निजी गोशाला का संचालन अपने हाथ में ले लिया है। उन्होंने कहा कि गोशाला की गायों के स्वास्थ्य की जांच के लिए मेडिकल कैंप लगाया गया है। स्वस्थ गायों को दूसरे गोशालाओं में शिफ्ट किया जा रहा है। हमने मामले की न्यायिक जांच के भी आदेश दिए हैं। इससे पहले कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा था कि गौशाला के संचालन मंडल पर गो हत्या का मामला दर्ज हो। साथ ही यह भी जांच हो कि चमड़े और हड्डियों का व्यापार हो रहा था।

गोशाला के अतिक्रमण तोड़े जाएंगे

गृहमंत्री ने कहा कि गोशाला के अतिक्रमण को तोड़े जाने के आदेश दिए हैं। ज्ञात हो कि बैरसिया की यह गोशाला सरकारी जमीन पर है। करीब 10 एकड़ जमीन पर कब्जा किया गया है। यहां तार फेंसिंग कर बाड़ा बनाया गया है। आसपास के गांवों के किसान मवेशियों को गोशाला में छोड़ जाते हैं। मवेशी की सेवा के लिए किसान 100-200 रुपए का अनुदान देते हैं।

चूने का पानी पिलाकर मारे जाने के आरोप

बैरसिया के घटनास्थल के आसपास रहने वाले लोगों ने आरोप लगाया है कि गायों को चूने का पानी पिलाकर मारा है। इन आरोपों के साथ सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो वायरल भी हुए हैं। कांग्रेस नेताओं ने इसको लेकर सरकार को घेरा है। वहीं, हिंदू संगठनों ने भी इसको लेकर शासन व प्रशासन पर आरोप लगाए हैं।

सौ से ज्यादा गायों की मौत

भाजपा नेत्री निर्मला देवी शांडिल्य की गोशाला में रविवार को कुएं में 20 गायों के शव, वहीं मैदान में 80 से ज्यादा गायों के शव और कंकाल पड़े मिले थे। 8 गायों की मौत शनिवार रात को ही हुई थी। गोशाला संचालक को हटाकर प्रबंधन का जिम्मा बैरसिया जनपद को सौंप दिया गया है। जनपद के सीईओ को रिसीवर बनाया गया है। कलेक्टर ने मृत गायों के अंतिम संस्कार का इंतजाम करने के निर्देश भी दिए हैं।

एक गाय के लिए डेढ़ रुपए मिलते हैं

गौशाला की संचालक निर्मला देवी का कहना है कि एक गाय की सेवा के लिए प्रशासन से डेढ़ रुपए मिलता है। वह भी दो-तीन साल में। ऐसे में इतने कम पैसे में गाय की सेवा करना मुमकिन नहीं। फिर भी मैं अपने स्तर पर गायों की सेवा कर रही हूं।

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