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Bengal Election: ‘खेला होबे’ ममता बनर्जी को यह जिताऊ नारा इस शख्सियत ने दिया, जाने इसके बारे में

Bengal Election: पश्चिम बंगाल में तमाम सियासी कवायदों को धवस्त करते हुए टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी एक बार फिर चुनाव जीत गई। सड़क पर उतर कर अपने अधिकारों के लिए लड़ने और जुझारु छवि के चलते ममता लोगों के दिलों पर राज करने में कामयाब रही। चुनाव में ममता ने एक नारा लगाया था, जिसने काफी सुर्खिया भी बटोरी थी, ‘खेला होबे’। यह नारा 25 साल के सिविल इंजीनियर की देन है, जिनका नाम है, देबांग्शु भट्टाचार्य.

ममता बनर्जी ने तीसरी बार सत्ता हासिल की

पश्चिम बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी की अगुआई में तृणमूल कांग्रेस ने खेला कर दिया है। विपक्षी दल भाजपा को करारी पटखनी देते हुए उन्होंने भारी बहुमत से तीसरी बार सत्ता हासिल कर ली। चुनाव में भी था और जीत के जश्न में भी हर तरफ ‘खेला होबे’ का शोर है। 2021 का विधानसभा चुनाव इस नारे के आसपास घूमता रहा। अब बात करते हैं उस शख्स की जिसने इस नारे को देकर ममता बनर्जी को तीसरी बार सत्ता के शिखर पर पहुंचाया।

देबांग्शु भट्टाचार्य ने दिया नारा

25 साल के सिविल इंजीनियर देबांग्शु भट्टाचार्य ने ममता के लिए खेला होबे’ गाना लिखा था। यह गाना सोशल मीडिया पर भी काफी वायरल हो गया। इसके कई डीजे वर्जन आ गए। जैसे ही यह हर बंगाली की जुबान पर चढ़ गया, ममता बनर्जी भी आमसभाओं में ‘खेला होबे’ का नारा लगाने लगीं। पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर भाजपा के दिग्गजों ने इस नारे को लेकर ममता पर पलटवार किया। खुद को ममता का कट्टर प्रशंसक बताने वाले देबांग्शु इससे पहले भी टीएमसी के लिए कई गानें लिख चुके हैं। देबांग्शु का कहना है कि उन्होंने यह गाना टीएमसी कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए लिखा है।

इस गाने में ममता बनर्जी सरकार की योजनाओं ‘कन्याश्री’ और ‘स्वास्थ्य साथी’ जैसी योजनाओं की प्रशंसा की गई है। सोशल मीडिया पर इसके सभी वर्जन को लाखों व्यूज मिले हैं। इससे पहले साल 2016 में बांग्लादेश में सत्तारूढ़ अवामी लीग के विधायक शमीम उस्मान ने पहली बार एक रैली में ‘खेला होबे’ का इस्तेमाल किया था।

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