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BBC IT Raid: दिल्ली में बीबीसी दफ्तर पर इनकम टैक्स का छापा, कर्मचारियों के फोन जब्त

लंदन: बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री- ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के मुस्लिम अल्पसंख्यकों के बीच तनाव की स्थिति होने की बात करती है. साथ ही, 2002 में फरवरी और मार्च के महीनों में गुजरात में बड़े पैमाने पर भड़की सांप्रदायिक हिंसा में उनकी भूमिका के संबंध में ‘जांच के दावों’ पर भी बात है. इन दंगों में ‘एक हजार से अधिक’ लोग मारे गए थे. हिंसा उस घटना के बाद भड़की थी जिसमें 27 फरवरी 2002 को कारसेवकों को ले जा रही एक ट्रेन में गोधरा में आग लगी दी गई थी, जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी. 2005 में संसद को सूचित किया गया था कि उसके बाद हुई हिंसा में 790 मुस्लिम और 254 हिंदू मारे गए थे, 223 लोग लापता था और 2,500 लोग घायल हो गए थे.

IT Dept Conducts 'Survey Operations' at BBC's Delhi, Mumbai Offices;  Congress Calls it 'Undeclared Emergency' | India News | Zee News

आयकर विभाग के अधिकारियों की टीम दिल्ली और मुंबई में बीबीसी कार्यालय में ‘सर्वे’ कर रही है। आयकर विभाग के एक प्रवक्ता ने एक अंग्रेज़ी अख़बार को को बताया कि ये सर्वे कई स्थानों पर किए गए हैं। आयकर विभाग के अधिकारियों ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि ‘सर्वे’ एक “कर चोरी की जांच” का हिस्सा थे, और अधिकारी कंपनी के व्यवसाय संचालन से संबंधित दस्तावेजों को देख रहे थे।

bbc office raid income tax

उल्लेखनीय है कि हालही में बीबीसी द्वारा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर दो-भाग की डॉक्यूमेंट्री – ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ जारी की गई थी। जिसके चलते पीएम नरेंद्र मोदी पर गुजरात दंगों के आरोप एक बार फिर चर्चाओं में आ गए थे और इससे उनकी छवि को खासा नुकसान पहुंच रहा था। इसके बाद केंद्र सरकार ने डॉक्युमेंट्री को यूट्यूब और ट्विटर पर बैन करवा दिया था और अब बीबीसी पर करचोरी के आरोप में यह सर्वे है।

IT raid at BBC's Delhi office, monitors Mumbai premises; employees' phones  seized - BusinessToday

बीबीसी की डॉक्युमेंट्री जो 2002 के गुजरात दंगों के लिए पीएम मोदी और उनकी तत्कालीन राज्य सरकार की प्रतिक्रिया पर केंद्रित है सरकार और उनके प्रवक्ताओं ने इस डॉक्युमेंट्री को अपने खिलाफ प्रचार का एक माध्यम बताया।

अधिकारियों ने कहा कि वृत्तचित्र को “भारत की संप्रभुता और अखंडता को कमजोर करने वाला” पाया गया और इससे देश के “विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध” और “देश के भीतर सार्वजनिक व्यवस्था” पर “प्रतिकूल प्रभाव डालने पड़ सकता है। वहीं डॉक्यूमेंट्री का बचाव करते हुए, बीबीसी के एक प्रवक्ता ने कहा था, “डॉक्यूमेंट्री पर उच्चतम संपादकीय मानकों के अनुसार कठोर शोध किया गया था।” बीबीसी को ब्रिटेन में भी कुछ राजनेताओं द्वारा इसके लिए आलोचना सहनी पड़ी। इनमें भारतीय मूल के उनके प्रधानमंत्री और पीएम मोदी के प्रशंसक ऋषि सुनक भी शामिल हैं।

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