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अगले बरस तू जल्दी आ की कामना के साथ बप्पा की विदाई

भोपाल। अनंत चतुर्दशी पर दस दिनी गणेशोत्सव का समापन हो गया है। 10 दिनों तक आराधना करने के बाद लोगों द्वारा घाटों पर बप्पा की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जा रहा है। सुबह से ही शहर के विभिन्न विसर्जन घाटों पर पूजा-अर्जना के बाद भगवान गणेश की प्रतिमाओं का विसर्जन का सिलसिला शुरू हो गया था। प्रशासन ने मूर्तियों के विसर्जन के लिए सरोवरों पर स्थान निर्धारित किए हैं।

अनंत चतुर्दशी के मौके पर प्रदेश भाजपा कार्यालय में हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। जहां उन्होंने जाप करते हुए यज्ञ में आहुति दी। जिसके बाद प्रदेश भाजपा कार्यालय में विराजे भगवान गजानंद का विसर्जन किया गया। वही शहर के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालु भगवान गजानन की प्रतिमाएं लेकर पहुंचें। घाट पर पार्वती नंदन की आरती की गई।

इसके बाद ‘गणपति बप्पा मोरिया, अगले बरस फिर जल्दी आ’ की कामना के साथ प्रतिमाओं को जल में विसर्जित किया गया। सभी विसर्जन स्थलों पर बड़ी प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए प्रशासन ने क्रेन का इंतजाम किया है। नगर निगम के प्रशिक्षित कर्मचारी सावधानी से बड़ी मूर्तियों का विसर्जन कर रहे हैं। कोराना गाइड लाइन के चलते एक उत्सव समिति के अधिकतम दस लोग ही विसर्जन स्थल पर जा सकते हैं। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए सभी विसर्जन घाटों पर गोताखोर भी मौजूद हैं।

बता दे कि शहर के सबसे बड़े विसर्जन स्थल प्रेमपुरा घाट पर मूर्तियों के विसर्जन के लिए दो प्लेटफार्म बनाए गए हैं। चार बड़ी क्रेन मौजूद हैं। इसके अतिरिक्त दो हाइड्रा क्रेन भी उपलब्ध हैं। क्रेन ऑपरेटर जब्बार खान ने बताया कि सुबह से ही प्रतिमाओं के आने का सिलसिला जारी है। छोटी प्रतिमाओं को हाइड्रा प्लेटफार्म की मदद से विसर्जित किया जा रहा है। हालांकि कोरोना गाइड लाइन प्रभावी होने के कारण इस वर्ष भी विसर्जन चल समारोह, डीजे आदि पर रोक थी।

मृदुभाषी के लिए मो. ताहिर खान की रिपोर्ट।

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