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गर्मियों तक फूलों के बंगले में रहेंगे बांके बिहारी

भीषण गर्मियों के दिन शुरू होनेवाले हैं। ऐसे में हरकोई उससे बचने की तैयारी में लगा हुआ है। इसी बीच वृन्दावन में बांके बिहारी धाम में तैयारियों शुरू हो गयी हैं। भगवान् बांके बिहारी को गर्मियों से बचाने के लिए फूलों का बँगला तैयार किया जा रहा है। वृंदावन के विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में भगवान 108 दिनों तक फूलों के बंगले में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे।

वृंदावन के विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में गर्मी के दौरान 108 दिनों तक फूल-बंगले बनते हैं। कामदा एकादशी से शुरू होने वाले ये फूल बंगले सावन महीने में हरियाली अमावस्या तक बनाए जाते हैं। इस दौरान हर दिन दो बार मंदिर में फूलों का श्रृंगार किया जाता है।

गर्भगृह से निकलकर बंगले में विराजेंगे बांके बिहारी –

चहरों ओर रंगबिरंगे फूलों की सजावट की बीच सुगन्धित और शीतल वातावरण में भगवान् हरि विराजमान होंगे और दुनिया भर के भक्त उनके मनमोहक झांकी देखकर तृप्त हो जाएगी। यहाँ गर्मी के दिनों में फूल बंगले जब बनाए जाते हैं, तो भगवान बांके बिहारी गर्भगृह से निकल आते हैं। वह फिर जगमोहन के रूप में विराजमान होते हैं। 108 दिनों तक भगवान बांके बिहारी जगमोहन के रूप में ही विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देते हैं। फूल बंगलों में विराजमान अपने आराध्य के दर्शनों को लेकर भक्त बहुत उत्साहित रहते हैं। लोग दूर दूर से उनके दर्शन हेतु यहाँ आते हैं।

विदेशी फूलों से बनता है भगवान् का बंगला –

बांके बिहारी जी के फूल बंगले बनने के लिए एक समय में कम से कम 500 किलो फूलों का प्रयोग किया जाता है, यानी दिन में एक हजार किलो फूलों से यह बंगले तैयार होते हैं। भगवान बांके बिहारी जी के बनने वाले फूल बंगलों में प्रमुख रूप से रायवेल, गुलाब, चंपा, रजनीगंधा और गेंदा के फूलों का प्रयोग किया जाता है।

इसके अलावा अधिक सुंदर बंगला बनाने के लिए विदेशी फूल भी प्रयोग किए जाते हैं। देशी फूलों की आपूर्ति ब्रज क्षेत्र से ही की जाती है, जबकि विदेशी फूल बेंगलुरू और मुंबई से मंगाए जाते हैं। एक अनुमान के मुताबिक एक फूल बंगला बनवाने में करीब पांच लाख रुपए का खर्च आता है।

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