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खानपान की गलत आदतें बन रही फेफड़ों के कैंसर का कारण

खानपान की गलत आदतें बन रही फेफड़ों के कैंसर का कारण

कैंसर दुनिया में सबसे अधिक खतरनाक और जानलेवा बीमारियों में से एक है। पिछले कुछ वर्षों में जीवनशैली में बदलाव और खानपान की गलत आदतों के कारण कई प्रकार के कैंसर के मामले तेजी से बढ़े हैं। फेफड़ों का कैंसर भी ऐसी ही एक जानलेवा समस्या है। विशेषज्ञों के मुताबिक बीड़ी-सिगरेट पीने (धूम्रपान) की लत के कारण लोगों में ऐसे कैंसर के मामले एक-दो दशक में अधिक बढ़ गए हैं। चिंता की बात यह है कि जब तक कैंसर का पता चलता है, वह अंतिम चरण तक पहुंच जाता है। समय रहते इस गंभीर बीमारी का पता चल जाए तो इसका इलाज आसान हो सकता है। साथ ही मरीज के जान बचने की संभावना भी अधिक हो जाती है। 

चलने के गलत तरीके में गड़बड़ी देती है संकेत

विशेषज्ञों के मुताबिक फेफड़ों के कैंसर के लक्षण परंपरागत रूप से श्वास संबंधी समस्याओं से जुड़े होते हैं। कुछ शोध में पाया गया है कि आपके गलत चलने के तरीके में गड़बड़ी भी इस बीमारी के संकेत हो सकते हैं। कुछ शोधों से पता चला है कि मांसपेशियों की गति बनाए रखने के लिए तंत्रिका तंत्र जिम्मेदार है।

इसलिए जब इसके सामान्य कार्य प्रभावित होते हैं, तो शारीरिक संतुलन और स्थिरता में समस्या आ सकती है। स्माल-सेल लंग कैंसर तंत्रिका तंत्र पर हमला करती है, जिसके कारण लोगों को चलने और शारीरिक संतुलन बनाए रखने में कठिनाई हो सकती है। इस कारण से रोगी को चलते समय चक्कर आने और खड़े होने में भी कठिनाई महसूस होने की समस्या हो सकती है।

अन्य परेशानियों से भी हो सकती है दिक्कत

वैसे तो शारीरिक संतुलन से संबंधित सभी प्रकार की कठिनाइयां सीधे फेफड़ों के कैंसर के जोखिम से जुड़ी हुई नहीं हैं। कुछ व्यक्तियों को सिर में चोट लगने, माइग्रेन और पैरों में तंत्रिका संबंधी समस्याओं के कारण भी यह दिक्कत हो सकती है। हालांकि फेफड़ों के कैंसर के मामले में शारीरिक संतुलन की समस्या के साथ सांस की तकलीफ, आवाज में परिवर्तन, सीने में दर्द महसूस होता है तो इसका इलाज करना जरूरी हो जाता है।

ये उपाय अपनाकर कम कर सकते हैं खतरा

जानकारों के मुताबिक कुछ उपाय करके फेफड़ों के कैंसर होने की आशंका को कम कर सकते हैं। इसके लिए सबसे आवश्यक है धूम्रपान नहीं करें। इसके अलावा खाने में हरी सब्जियों, फलों के साथ अन्य पौष्टिक चीजें शामिल करें। साथही व्यायाम अवश्य करें। फेफड़ों में कोई असामान्यता महसूस हो है तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

सामान्य लक्षण:

  • खांसी का लगातार बने रहना, यह समय के साथ गंभीर हो जाती है।
    -खांसी के दौरान कफ के साथ खून का आना।
    -सीने में दर्द जो गहरी सांस लेने, खांसने या हंसने से बढ़ जाता है।
    -आवाज का बैठना।
    -भूख में कमी होना।
    -सांस लेने में कठिनाई।
    -कमजोरी या थकान महसूस होना।
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